बेसिक शिक्षा परिषद शिक्षकों को कैशलेस बीमा के लिए 100 दिन में नहीं ढूंढ पाई कंपनी, योगी कैबिनेट लगा चुकी है इस प्रस्ताव पर मुहर
योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के छह लाख से अधिक शिक्षकों को कैशलेस इलाज देने के प्रस्ताव पर कैबिनेट मुहर लगा दी थी। इसके बाद भी परिषद अभी तक अब तक शिक्षकों का बीमा कराने के लिए संबंधित कंपनी खोज नहीं सकी है।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों को कैशलेस बीमा योजना का लाभ पाने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। परिषद अब तक शिक्षकों का बीमा कराने के लिए संबंधित कंपनी खोज नहीं सकी है। यह महत्वपूर्ण योजना बेसिक शिक्षा विभाग के 100 दिन में शामिल रही है लेकिन, टालमटोल से लगातार देरी हो रही है। परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक शिक्षकों को पांच लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज कराने की सुविधा दी जानी है।
संविदा पर तैनात अनुदेशक व शिक्षामित्र भी इस कैशलेस योजना में शामिल किए जाएंगे। ये योजना अनिवार्य की जगह ऐच्छिक होगी, क्योंकि इसका प्रीमियम शिक्षकों-शिक्षामित्रों को अपने वेतन या मानदेय से भरना होगा। इसकी तकनीकी बिड खोली जा चुकी है और फाइनेंशियल बिड भी अंतिम चरण में है लेकिन, अभी तक इस पर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है कि किस कंपनी को जिम्मा दिया जाए।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य कर्मचारियों की तर्ज पर बेसिक शिक्षा परिषद के छह लाख से अधिक शिक्षकों को कैशलेस इलाज देने की घोषणा की थी। ये सुविधा देने के लिए सरकार को संबंधित फर्म का चयन करना था जो अभी तक नहीं हुआ है। परिषद ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर कई माह पहले ही भेज दिया था।
बता दें कि कैशलेस इलाज शिक्षकों की वर्षों पुरानी मांग हैं। परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक कैशलेस इलाज दिलाने की रट लगाए थे। कोरोना संक्रमण के दौर में यह मुद्दा खूब तूल पकड़ा था। कुछ शिक्षकों ने 2020 में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके कैशलेस इलाज व बीमा सुविधा की मांग की थी। कोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया था।
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