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    Gangs of Wasseypur: इकबाल को मारने से पहले की गई थी उसकी रेकी, ऋतिक के कहने पर आजम व शाहिद ने की हत्‍या

    By Jagran NewsEdited By: Arijita Sen
    Updated: Sun, 07 May 2023 01:10 PM (IST)

    वासेपुर में गैंगवार पुलिस को दिए गए बयान में आजम और शाहिद दोनों ने हमले की पूरी कहानी बताई है। उन्‍होंने कहा कि जमीन के धंधे में इकबाल का वर्चस्व बढ़ ...और पढ़ें

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    अरशद के कहने पर एक सप्ताह तक आजम व शाहिद ने की थी इकबाल की रेकी।

    जासं, धनबाद। नन्हे हत्याकांड के गवाह बबलू खान उर्फ ढोलू की हत्या व फहीम खान के पुत्र इकबाल पर हुए हमले में गिरफ्तार किए गए नामजद आरोपित मोहम्मद आजम व शाहिद रजा उर्फ डाकू को पुलिस ने शनिवार को जेल भेज दिया। इससे पहले पुलिस को दिए स्वीकारोक्ति बयान में दोनों ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।

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    आजम और डाकू हैं प्रिंस खान के लोग

    दोनों ने बताया कि वे चार वर्षों से प्रिंस खान गैंग के लिए काम करते हैं। दोनों नन्हे हत्याकांड में जेल में बंद थे। फरवरी में जेल से बाहर निकले थे। 25 अप्रैल को गोपी का साला अरशद उर्फ ऋतिक ने उनसे कहा कि इकबाल जमीन खरीद-बिक्री का काम कर रहा है और कमीशन उठा रहा है, हम लोग को माल नहीं दे रहा, उसकी रेकी करो। प्रिंस ने ऐसा करने को कहा है।

    जमीन के बारे में बात करने के बहाने गए थे दोनों इकबाल के पास

    इसके बाद दोनों उसकी रेकी करने लगे। वहीं षड्यंत्र के तहत ही तीन मई को दोनों जमीन की बात करने का बहाना बनाकर इकबाल के पास आरा मोड़ गए। कहा कि जमीन के बारे में बात करनी है, तो वह बोला कि यहां बात नहीं हो पाएगी इसलिए मंदिर ग्राउंड चलो। जिसके बाद इकबाल, ढोलू व जावेद खान उर्फ सोनू के साथ मंदिर ग्राउंड पहुंचा।

    पांच मिनट बाद ही अरशद अपने बाइक से वहां पहुंचा। उसके साथ एक और लड़का भी था, जो काले रंग की शर्ट पहने हुए था और बाइक चला रहा था। अरशद ने वहां पहुंचते ही इकबाल को गोली मार दी। इसके बाद सोनू व ढोलू ने अरशद को पकड़ लिया। तभी दूसरे युवक ने ढोलू को गोली मार दी। दोनों ने चार-पांच राउंड गोली चलाई और वहां से भाग गए।

    आरा मोड़ से ही की जा रही थी रेकी

    इस मामले में इकबाल के भाई साहबजादे खान के बयान पर बैंक मोड़ में प्राथमिकी की गई है। शहजादे ने बताया कि जब वह इकबाल को लेकर दुर्गापुर जा रहा था, तभी रास्ते में इकबाल ने उसे बताया कि अरशद ने उसे गोली मारी है।

    जब उसे गोली मारे गई, तब वहां तीन-चार और लोग थे, जो आरा मोड़ से ही उसकी रेकी कर रहे थे। वह सब का नाम जानता है। इकबाल ने बताया कि वह काले रंग की शर्ट में मौजूद दूसरे युवक का नाम भी जानता है।गौरतलब है कि इस दौरान बबलू की जहां मौत हो गई थी, वहीं इकबाल अभी मिशन अस्‍पताल दुर्गापुर में इलाजरत है।