फंड और टेंडर के बावजूद शुरू नहीं हुआ काम
ऊधमपुर, जागरण संवाद केंद्र : फंड व टेंडर होने के बावजूद मिनी स्टेडियम ऊधमपुर के बैडमिंटन हॉल का कायाकल्प नहीं हो पाया है। पीडब्ल्यूडी इंडोर स्टेडियम के कायाकल्प करने के लिए उपलब्ध कराई गई राशि को कम बता रहा है, जबकि खेल विभाग इसमें देरी के लिए पीडब्ल्यूडी को जिम्मेदार ठहरा रहा है। ऐसे में मिनी स्टेडियम के इंडोर हॉल की दशा कब सुधरेगी इस बारे मे कोई कुछ कहने की स्थिति में नहीं है।
गौरतलब है कि ऊधमपुर के मिनी स्टेडियम में बने इंडोर बैडमिंटन हॉल की हालत बेहद खस्ता हो चुकी है। इसकी दशा सुधारने के लिए करीब तीन वर्ष पूर्व करीब 14 लाख रुपये जारी हुए। यूथ सर्विसेज एंड स्पोर्ट्स विभाग के मुताबिक करीब तीन साल पूर्व इंडोर हॉल के लिए आया पैसा पीडब्लूडी को सौंप दिया गया था, मगर आज तक हाल का जीर्णोद्धार नहीं पाया। उन्होंने बताया पहले पीडब्ल्यूडी ने काम के लिए किसी ठेकेदार द्वारा टेंडर न भरने को काम में देरी की वजह बताया। इसके बाद निर्माण लागत बढ़ने के कारण जारी फंड में काम पूरा न होने की बात कह कर और फंड की मांग की। पिछले वर्ष हॉल के जीर्णोद्धार के साथ विस्तार का सुझाव दिया गया। इसके बाद पीडब्ल्यूडी ने जीर्णोद्धार व हॉल के विस्तार के लिए 50 लाख रुपये का प्रस्ताव तैयार कर खेल विभाग को भेज दिया।
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देरी ने बढ़ाई लागत
यूथ सर्विसेज एंड स्पोर्ट्स विभाग के असिस्टेट डायरेक्टर अशोक कुमार का कहना है कि पीडब्ल्यूडी ने यदि समय पर काम शुरू कर दिया होता तो निर्माण लागत इतनी ज्यादा नहीं बढ़ती। इस सबके बावजूद पीडब्ल्यूडी को काम शुरू करने को कहा गया है। पीडब्ल्यूडी के पास जितना फंड पड़ा है, उससे काम शुरू किया जा सकता है। काम शुरू होने के बाद जब तक 14 लाख खर्च होंगे तब तक और फंड उपलब्ध करा दिए जाएंगे, लेकिन पीडब्ल्यूडी और फंड न मिलने तक काम शुरू करने के लिए तैयार नहीं है।
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दो कोर्ट वाला बनेगा हॉल
पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन एमआर शर्मा ने बताया कि नए प्रस्ताव में पुराने हॉल को पूरी तरह डिस्मेटल कर दो कोर्ट वाला नया हॉल बनाया जाना है। नए हॉल का आकार मौजूदा हॉल से दुगना होगा। उन्होंने बताया पीडब्ल्यूडी की तरफ से इस काम के लिए 30 लाख का टेंडर जारी कर सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। यहां तक की सबसे कम रेट भरने वाले का नाम भी फाइनल कर लिया गया है, मगर खेल विभाग द्वारा सौंपे गए 14 लाख रुपये काम शुरू कराने के लिए नाकाफी है। काम शुरू करने के लिए कम से कम 60 फीसदी राशि होना जरूरी है।
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