जनमत को बहुमत में बदलने के लिए करें मतदान
मुरादाबाद : 15 फरवरी को संविधान का सबसे बड़ा त्योहार है। जलपान से पहले मतदान कर हमें अपना फर्ज निभान
मुरादाबाद : 15 फरवरी को संविधान का सबसे बड़ा त्योहार है। जलपान से पहले मतदान कर हमें अपना फर्ज निभाना होगा। दयानंद आर्य कन्या महाविद्यालय में बुधवार को शिक्षकों ने छात्राओं को वोट डालने के लिए प्रोत्साहित करते हुए दैनिक जागरण की मतदाता जागरूकता गोष्ठी में अपनी सहभागिता निभायी। अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ. पूनम गुप्ता ने कहा कि समाज में आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है। पैरवी के अभाव में कई बार आरोपी छूट जाता है। परिवार के साथ यदि हमारा प्रतिनिधि मजबूत व्यक्तित्व वाला होता है तो इस तरह की घटनाओं पर काफी हद तक लगाम लग सकती है। मतदाता जागरूकता का अर्थ खुद के लिए गंभीर व समझदार प्रतिनिधि को चुनने से है। शिक्षिका ऋतु दीक्षित ने कहा कि शिक्षण संस्थान होने के नाते हमारा फर्ज बनाता है कि छात्राओं को मतदान का महत्व बताएं। यदि सभी छात्राएं टोलियां बनाकर लोगों को जागरूक करें तो मतदान फीसद आसानी से बढ़ाया जा सकता है। डॉ. सीमा रानी ने बताया कि जनमत को बहुमत में बदलने के लिए प्रतिनिधि का चुनाव किया जाता है। नगर निगम के चुनावों में मतदान फीसद बहुत कम रहा। विधानसभा चुनावों में ऐसा दोबारा से न हो, इसके लिए अभी से प्रयास करने होंगे। डॉ. सुजाता सिंह ने कहा कि पिछले आम चुनाव की तुलना में मतदान बढ़ा है। इसको और बढ़ाना है। संचालन डॉ. अर्चना राठौर ने किया। डॉ. बिमल शर्मा, डॉ. कंचन सिंह, डॉ. जौली गर्ग, डॉ. सीमा महेंद्र आदि मौजूद रहीं।
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वर्जन..
हम दूसरों के प्रभाव में आकर मत का प्रयोग करते हैं। जब वह अपने कार्यकाल में विकास कार्य नहीं करता तो उसे कोसते हैं। इसलिए अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए खुद भी वोट दें और परिजनों को भी प्रोत्साहित करें।
डॉ. रूपाली अग्रवाल, शिक्षिका।
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मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए सोशल मीडिया और पूर्वानुमान का सहारा ले रहे हैं। हमें इससे बचते हुए स्थानीय स्तर पर समस्याओं का निस्तारण करने वाले प्रतिनिधि का चुनाव करना है। नींव मजबूत होगी तो देश की तरक्की खुद-ब-खुद हो जाएगी।
डॉ. रीना मित्तल, शिक्षिका।
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मुझे भारतीय नागरिक होने पर गर्व है, लेकिन विकसित राष्ट्र का सपना पूरा नहीं हो सका है। विकास कार्यो को कराने के लिए प्रतिनिधियों पर दबाव बनाएं। हमें बेरोजगारी, गरीबी, जाति, धर्म नहीं चाहिए। हमें तो देश को सोने की चिड़िया बनाने वाले नेता की जरूरत है।
शिवानी शर्मा, छात्रा।
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सिर्फ कानून बना देने से विकास नहीं होता है। हमारे मूल अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए कानून बनाए गए हैं, इसके बावजूद अपराध हो रहे हैं। यदि समाज में समझदार प्रतिनिधि होगा तो वह दूसरों को भी गंभीर और शिक्षा को प्रोत्साहित करेगा।
श्वेता राघव, छात्रा।
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