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    पैसे की चाहत ने 'होनहार' बना 'गुनहगार'

    By Edited By:
    Updated: Fri, 05 Feb 2016 06:37 PM (IST)

    हरदोई, जागरण संवाददाता: पैसे की चाहत ने होनहार को गुनहगार बना दिया। कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के प्

    हरदोई, जागरण संवाददाता: पैसे की चाहत ने होनहार को गुनहगार बना दिया। कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के प्रगतिनगर निवासी पुलिस कर्मी के बेटे का उसके सगे मौसेरे भाई ने ही फिरौती की खातिर अपहरण किया था। अपहरणकर्ता मौसेरा भाई उच्च शिक्षित है, पिता ने मेहनत मजदूरी कर उसे पढ़ाया लिखाया था। जल्दी ही धनवान बनने की चाहत में उसने मौसेरे भाई को ही हथियार बनाया। पुलिस टीम ने सराहनीय कार्य कर सनसनी खेज अपहरणकांड का खुलासा किया।

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    शाहाबाद क्षेत्र के बहिगवां निवासी सुरेश पाल पुलिस कांस्टेबिल हैं, कोतवाली क्षेत्र के गिगियानी निवासी उनके साढ़ू विनोद कुमार मेहनत मजदूरी करते हैं। विनोद कुमार का पुत्र उपेंद्र कुमार ने हरदोई के ही एक कालेज से बीएससी की और प्रतियोगात्मक परीक्षा पास कर गाजियाबाद के एक कालेज से बीएड किया था। उपेंद्र पढ़ने लिखने में तेज बताया जाता है और एक प्रतिष्ठित दवा कंपनी में एमआर का भी काम किया था। उसी नौकरी नहीं मिली, लेकिन वह जल्दी ही धनवान बनना चाहता था। उसके मौसा सुरेशपाल पुलिस विभाग में हैं, उनके घर उसका आना जाना था। जैसा कि उपेंद्र ने पुलिस अभिरक्षा में बताया कि मौसा का रहन सहन देखकर उसके मन में भी धनवान बनने की चाहत आती थी। अचानक उसके मन में मनीष चढ़ गया। साथियों को उसने बताया और विमल कुमार आदि के साथ मिलकर पूरी कहानी रच डाली। मौसा से मिलने वाली फिरौती की रकम से वह लखपति बनना चाहता था।

    खिला पिलाकर किया था अपहरण

    अपहरणकांड की जो कहानी सामने आई उसमें उपेंद्र का मनीष के घर आना जाना था। उसके मन में पहले ही अपहरण की योजना बैठ गई थी और सौरभ के साथ पूरी साजिश भी रच ली। बुधवार की शाम उपेंद्र ने मनीष को घर से बुलाया था। विमल भी उनके साथ था। उन दोनों ने बताया कि मनीष से मौज मस्ती मनाने की बात कही गई। सभी ने मिलकर खाना खाया, उपेंद्र ने खुद शराब पी, मनीष को भी पिलाई और धीरे धीरे मनीष को ज्यादा नशे में कर लिया। टार्च के बहाने उससे उसका मोबाइल ले लिया फिर मोटर साइकिल से घूमने के बाद पहले से ही तय स्थान शाहाबाद चला गया। मनीष को उसने ट्यूबवेल में बंद कर दिया।

    शाहाबाद में रखा, खुद गया लखनऊ और शाहजहांपुर से मांगी फिरौती

    अपहरणकांड में शातिर दिमाग का प्रयोग किया गया। उपेंद्र, सौरभ और विमल ने मनीष का अपहरण कर फिरौती के लिए पूरा तानाबाना बुना। विमल को ट्यूबवेल पर रखवाली के लिए रखा गया था, तो उपेंद्र खुद लखनऊ और सौरभ शाहजहांपुर चला गया। उनका मानना था कि अगर शाहाबाद से बात की तो पुलिस उन तक पहुंच जाएगी। सौरभ ने ही सुरेश पाल के मोबाइल पर फोन कर फिरौती मांगी और फिर स्थान भी बदलता रहा। सौरभ की जो बात होती थी वह उपेंद्र तक भी पहुंचाता था। उपेंद्र पर्दे के पीछे रहना चाहता था। पुलिस ने सर्विलांस से जब पीछा किया तो पता कर लिया कि फिरौती मांगने वाले की किस किस से बात हो रही है और उसी के आधार पर पुलिस खुलासे तक पहुंच गई।

    पुलिस ने बचाई इज्जत और निर्दोष की जान

    पुलिस को लेकर वैसे तो लोगों की अलग अलग राय हैं कोई कुछ कहता तो कोई कुछ लेकिन सनसनी खेज अपहरण कांड का खुलासा कर पुलिस ने इज्जत और जान दोनों बचाईं। पुलिस कर्मी सुरेश पाल की बेटी की शादी होनी है। बेटी की शादी की खातिर ही उसने रुपये जमा किए थे। सोंचा था कि अच्छा सा रिश्ता खोजकर इज्जत से बेटी की शादी करेगा। उपेंद्र को यह बात पता था कि मौसा ने शादी के लिए रुपये जोड़ रखे हैं और उसी को लेकर उसने साजिश रची। उपेंद्र और सौरभ मास्टर माइंड बना। दोनों फिरौती की रकम लेकर विमल के साथ बांटना चाहते थे। पूछताछ में दोनों ने बताया कि मनीष उन्हें पहचान गया था। फिरौती लेने के बाद वह लोग उसे ¨जदा भी नहीं छोड़ते। 30 लाख से शुरुआत की थी, धीरे धीरे वह बात चीत कर सौदा कर लेते और फिर 10- 15 लाख जो भी मिल जाता उसे ही ले लेते। सौदेबाजी हो नहीं पाई तब तक पुलिस उन तक पहुंच गई। इस घटना का खुलासा कर न केवल पुलिस ने गुडवर्क किया बल्कि परिवार की इज्जत और एक मासूम की जान भी बचाई।

    सिर पर फिर बंधा सफलता का सेहरा

    एटीएस, एसटीएफ के तजुर्वेदार पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार ¨सह ने एक फिर एक बड़ी ऐतिहासिक घटना का खुलासा किया। सांडी लूटकांड के खुलासे में होरी बन चुकी टीम ने सिर फिर सेहरा बंधा। अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी बीसी दुबे के कुशल मार्ग निर्देशन में क्राइम ब्रांच ने सफलता हासिल की। क्राइम ब्रांच प्रभारी माखनलाल कनौजिया के साथ करुणेश शुक्ला, इरफान, राजकुमार नागर, अंकुश यादव, गुफरान आदि रहे तो कोतवाली देहात थाना प्रभारी परशुराम कुशवाहा की टीम को बड़ा खुलासा मिला।

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