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    अब विश्व योग गुरु होगा भारत

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    Updated: Sun, 05 Apr 2015 01:15 AM (IST)

    शिवहर, संस : योग, अध्यात्म, प्रणायाम हमारी विरासत है। हम सभी ऋषि पुत्र हैं। ईश्वर के अंश हैं। यह स्व

    शिवहर, संस : योग, अध्यात्म, प्रणायाम हमारी विरासत है। हम सभी ऋषि पुत्र हैं। ईश्वर के अंश हैं। यह स्वर्णिम गौरव भारतीयों को ही मिला है। ये बातें पंतजलि योग समिति हरिद्वार के बिहार प्रांतीय युवा प्रभारी प्रकाश त्यागी ने कही। राम खेलावन जंगी उच्चतर विद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शिविर के बौद्धिक सत्र में के दौरान उन्होंने कहा कि आज जो रोग पांव फैला रहे हैं और संपूर्ण जगत में त्राहिमाम की स्थिति है, उसका मुख्य कारण दूषित जीवन शैली है। अपनी संस्कृति और सभ्यता को भूल पश्चिम का अनुकरण और भागमभाग की जिंदगी जीवन अवधि को कम कर रही है। पश्चिम में मानसिक रोगियों की संख्या में गुणात्मक वृद्धि हो रही है। इससे बचने का उपाय योग गुरु बाबा रामदेव के बताए आसन प्रणायाम हैं। स्वदेशी पर निर्भरता विदेशी संस्कृति अैर वस्तुओं का त्याग है।

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    बौद्धिक सत्र को आरएसएस के विभाग प्रचारक अरविन्द जी ने भी संबोधित किया। संघ के संबंध में सूक्ष्म जानकारियां दीं। बता दें कि आरएसएस के प्रशिक्षण शिविर में 100 से अधिक छात्र युवा स्वयंसेवक शामिल हैं। मौके पर भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के जिला संरक्षक राजेश कुमार राजू, प्रभारी अविनाश कुमार, पंतजलि योग समिति के जिला प्रभारी सुभाष चन्द्र गुप्त, टीम के साथ आए मुनेश्वर जी, आरएसएस के जिला व्यवस्था प्रमुख हरिवंश प्रसाद सिंह, सर्वव्यवस्था प्रमुख प्रमोद कुमार, विनोद कुमार, जिला सह कार्यवाह राम बाबू सिंह, ददन जी, उमेश कुमार, उमेश नंदन सिंह, रामचन्द्र प्रसाद सिंह आदि उपस्थित थे।

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