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    मेले में रहेंगे घुड़दौड़ व ऊंट दौड़ आकर्षण का केंद्र

    By Edited By:
    Updated: Mon, 23 Feb 2015 05:20 PM (IST)

    फोटो : 06 प्रथम मार्च को लगने वाले शक्कर मेले में परंपरागत खेल कायम रहेंगे देवी देवताओं के मंद ...और पढ़ें

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    फोटो : 06

    प्रथम मार्च को लगने वाले शक्कर मेले में परंपरागत खेल कायम रहेंगे

    देवी देवताओं के मंदिरों के रूप में उभर रहा है मोलड़नाथ आश्रम

    संवाद सहयोगी, कनीना : प्रथम मार्च को कनीना में लगने वाले शक्कर मेले में परंपरागत खेल कायम रहेंगे। वर्षों से परंपरागत खेले खेले जाते रहे हैं। इस मेले को बाबा मोलड़नाथ मेला नाम से जाना जाता है। खाटू श्याम मेले के दिन ही एकादशी को यह मेला लगता है। इस बार मेले की कई खासियत उभरकर आ रही हैं।

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    कनीना के इस विशाल मेले की तैयारियां जहां पूरे जोरों पर चल रही हैं वहीं इस मेले से पूर्व रात्रि को भजन सत्संग आयोजित किए जाते हैं। मेले के उपरांत भंडारा आयोजित करके साधु संतों को खाना खिलाया जाता है। इस मेले में इस बार कनीना के भीम ¨सह समाज सेवी मुफ्त कलेंडर वितरित कर रहे हैं वहीं कई लोग भंडारा आयोजित करने जा रहे हैं।

    इस मेले में आज भी परंपरागत खेल कायम हैं जो अन्यत्र दुर्लभ होते हैं। मेले में राजा महाराजाओं के समय से चली आ रही ऊंट दौड़ एवं घोड़ियों की दौड़ चली आ रही हैं। पूरे प्रदेश से बेहतर घोड़ी एवं ऊंट भाग लेने के लिए कई दिनों पूर्व से ही तैयारियों में जुट जाते हैं। सिहोर के पुराने मार्ग पर इस प्रकार के खेल आयोजित किए जाते हैं जिन्हें देखने के लिए दूर दराज से लोग आते हैं। समाजसेवी सुमेर ¨सह चेयरमैन ने बताया कि इस बार इन दौड़ों की राशि बढ़ा दी गई है।

    इस मेले में जहां सबसे अधिक शक्कर प्रसाद के रूप में चढ़ाई जाती है वहीं परम तपस्वी बाबा मोलड़नाथ को याद किया जाता है। विशाल दंगल आयोजित किया जाता है वहीं बाबा मोलड़नाथ आश्रम में कनीना का हर व्यक्ति दूर दराज से चलकर आता है और धोक लगाता है। कनीना का बाबा मोलड़नाथ आश्रम कई देवी देवताओं के मंदिर के समूह के रूप में उभर रहा है। सामान्य बस स्टैंड के पास होने से इसकी शोभा निराली बन गई है।