हल्द्वानी::: आठवीं अनुसूची में शामिल हों गढ़वाली-कुमाऊंनी
जागरण संवाददाता, देहरादून उत्तराखंड में लगभग 30 लाख लोग गढ़वाली और 25 लाख कुमाऊंनी बोलने वाले हैं,
जागरण संवाददाता, देहरादून
उत्तराखंड में लगभग 30 लाख लोग गढ़वाली और 25 लाख कुमाऊंनी बोलने वाले हैं, लेकिन आज तक इनमें से कोई भी बोली-भाषा संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं हो पाई है। संरक्षण के अभाव में यह क्षेत्रीय बोली-भाषाएं लुप्त होने की स्थिति में हैं। राज्य के स्कूलों में न तो गढ़वाली- कुमाऊंनी पढ़ाई जा रही, न किसी विवि ने इन्हें पाठयक्रम में ही शामिल किया। और तो और राज्य के सांसद व विधायकों ने अपने-अपने सदनों में शायद ही कभी अपनी मातृभाषा में भाषण दिया हो।
विश्व मातृ भाषा दिवस पर युवा गढ़वाल सभा की ओर से दून के गांधी पार्क में अपनी मातृभाषा के प्रति जागरुकता के मकसद से आयोजित हस्ताक्षर अभियान के दौरान यह पीड़ा उभरी। युवा गढ़वाल सभा के पदाधिकारियों का कहना था कि तमाम राज्यों की अपनी क्षेत्रीय भाषाएं हैं और इन्हें संविधान की आठवीं अनुसूची में स्थान भी मिल चुका है। लेकिन, उत्तराखंड गठन के 14 साल बाद भी अब तक न अपनी कोई राज्यभाषा बन पाई और न राज्यगीत ही।
एक स्वर में मांग की गई कि गढ़वाली- कुमाऊंनी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए। इस मौके पर हस्ताक्षर करने वालों में मेयर विनोद चमोली, विधायक एवं मुख्यमंत्री के सलाहकार (समाज कल्याण) सुंदरलाल मंद्रवाल, पर्यावरण विज्ञानी डॉ.अनिल जोशी, राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप, पूर्व अध्यक्ष रविंद्र जुगरान, महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी, पूर्व फुटबाल खिलाड़ी अरविंद डंगवाल, राज्य आंदोलनकारी रामलाल खंडूड़ी, जगमोहन नेगी, प्रदीप कुकरेती, आलोक घिल्डियाल, आरपी पंत, मोहन सिंह नेगी आदि शामिल थे।
इस अवसर पर शकुंतला मुंडेपी एवं साथियों, नंदा गु्रप नेशविला रोड और प्रभा नैथानी व साथियों ने गीतों की प्रस्तुतियां दीं। बताया गया कि मांग के सिलसिले में राष्ट्रपति के साथ ही सांसद व विधायकों को ज्ञापन भेज जाएगा।
रंगारंग प्रस्तुतियों ने मन मोहा
श्री गुरु रामराय पब्लिक स्कूल पटेलनगर में मातृभाषा दिवस हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर विद्यार्थियों ने गढ़वाली, कुमाऊंनी, हिमाचली, कश्मीरी, राजस्थानी, उड़िया, पंजाबी समेत विभिन्न राज्यों के लोकगीत-नृत्यों की प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम में स्कूल के प्रधानाचार्य राजेश अरोड़ा समेत शिक्षक-शिक्षिकाएं और विद्यार्थी मौजूद थे।
क्षेत्रीय भाषा व परंपराओं पर करें गर्व
आइएमएस यूनिसन विवि में मातृभाषा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में विवि के कुलपति डॉ.डीके बंदोपाध्याय ने कहा कि हमें अपनी क्षेत्रीय भाषा और परंपराओं पर गर्व होना चाहिए। इस मौके पर पोस्टर, भाषण व लेखन प्रतियोगिताएं भी हुई। कार्यक्रम में प्रो-चांसलर डॉ.एमपी जैन, डॉ.विजयन इमैनुएल, डॉ.पवन कुमार अग्रवाल, डॉ.स्वाति बिष्ट, प्रो.दीपक उनियाल आदि मौजूद थे।
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