गंगा पर आज संत, बुद्धिजीवी करेंगे मंथन
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इलाहाबाद : राजा भगीरथ की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर पृथ्वी पर अवतरित हुई मां गंगा सदियों से मानव को तार रही हैं। यह बात दीगर है कि उसी मानव को गंगा की चिंता नहीं है। मैदान की सभ्यता-यात्रा पर निकली गंगा की कलकल धारा की राह मे मानवीय स्वार्थ के अवरोध जगह-जगह खड़े हैं। मोक्षदायिनी गंगा की धारा अविरल-निर्मल बनाने को लेकर बुधवार को होटल कान्हा श्याम में संत, न्यायमूर्ति, कानूनविद् व बुद्धिजीवियों का जमघट लगेगा। सभी मिलकर गंगा की दशा पर मंथन करने के साथ उनकी स्थिति सुधारने पर विचार व्यक्त करेंगे।
शाम चार बजे से आयोजित समारोह में न्यायमूर्ति अरुण टंडन, न्यायमूर्ति सुधीर नारायण, गंगा महासभा के संरक्षक न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय, गंगा प्रदूषण मुक्ति अभियान के अध्यक्ष व टीकरमाफी आश्रम के महंत स्वामी हरिचैतन्य ब्रह्मचारी एवं गंगा सेवा अभिज्ञानम् के सार्वभौम संयोजक व शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती बतौर वक्ता शिरकत करेंगे।

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