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अब नहीं बेचना पड़ेगा पदक, मदद को आगे आई सरकार

नई दिल्ली। वरिष्ठ भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने लोक सभा में शनिवार को सरकार से देश के एथलीटों की आर्थिक सुरक्षा दिए जाने के लिए नई नीति बनाने की मांग की है।

By Edited By: Published: Sat, 24 Aug 2013 04:19 PM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2013 08:15 PM (IST)
अब नहीं बेचना पड़ेगा पदक, मदद को आगे आई सरकार

नई दिल्ली। फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह को रेस में हराने वाले मक्खन सिंह के परिवार को सरकार जल्द से जल्द आर्थिक मदद देगी। स्वर्गीय मक्खन सिंह की विधवा को सरकारी क्षेत्र की तेल कंपनियों की तरफ से मदद पहुंचाई जाएगी। इस बात का एलान संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने शनिवार को लोकसभा में किया।

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कमलनाथ ने बताया कि सरकार खेल की दुनिया में राष्ट्र का गौरव बढ़ाने वाले खिलाड़ियों और उनके आश्रितों को पेंशन या अन्य मदद देने की एक नीति भी बनाएगी। नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने शून्य काल के दौरान लोकसभा मक्खन सिंह के परिवार की स्थिति को लेकर सवाल उठाया था। स्वराज ने कहा कि सरकार को एक स्पष्ट नीति बनानी चाहिए जिसमें देश के सभी खिलाडि़यों को श्रेणीबद्ध करने का तरीका हो। इस श्रेणी के जरिए ही यह तय होना चाहिए कि खिलाड़ियों या उनके परिवार को किस तरह की मदद दी जानी है। इसके तहत आर्थिक मदद देने से लेकर रोजगार उपलब्ध कराने तक की व्यवस्था होनी चाहिए। इन्हें पेंशन देने का भी प्रावधान किया जा सकता है।

स्वराज की तरफ से इस मुद्दे को उठाने के बाद अधिकांश सांसदों ने इसका समर्थन किया। इसके तुरंत बाद ही पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली और संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ में चर्चा हुई और मक्खन सिंह के परिवार को मदद पहुंचाने की घोषणा की गई।

सनद रहे कि फिल्म 'भाग मिल्खा भाग' की सफलता के बाद मीडिया जगत में मक्खन सिंह के बारे में भी खबरें प्रमुखता से प्रकाशित हो रही हैं। मक्खन सिंह की विधवा ने हाल ही में एक टीवी चैनल को बताया था कि वे काफी आर्थिक तंगी में जिंदगी बसर कर रही हैं और तंगी की वजह से वे मक्खन सिंह को मिले पदक को बेचना चाहती हैं।

मक्खन सिंह: करियर पर एक नजरजन्म : एक जुलाई 1937 (बाथुल्ला-जिला होशियारपुर)

1962 : जकार्ता एशियाई खेल : 4 गुणे 400 मीटर रिले में स्वर्ण और 400 मीटर में रजत पदक

1962 : कोलकाता में हुए राष्ट्रीय खेलों में मिल्खा सिंह को पछाड़ा। इतना ही नहीं इन खेलों में चार स्वर्ण पदक जीते

करियर के दौरान राष्ट्रीय खेलों में कुल 12 स्वर्ण, तीन रजत और एक कांस्य पदक जीता

1972 में सेना से रिटायर हुए। इसके बाद एक दुर्घटना में उनकी एक टांग चली गई

21 जनवरी 2002 में 64 वर्ष की आयु में निधन

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