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Jharkhand News: गर्मी से निपटने की तैयारियां जारी, रैपिड रिस्पॉन्स टीम का होगा गठन... अस्पतालों में बढ़ेंगे बेड

इस साल ज्यादा गर्मी पड़ने की संभावना है और इसको देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन झारखंड के अभियान निदेशक ने सिविल सर्जन डॉ. जुझार माझी को एक पत्र लिखकर विशेष दिशा-निर्देश दिए हैं। वहीं गर्मी से निपटने के लिए रैपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन किया जाएगा और अस्पतालों में डेडिकेटेड बेड की संख्या को बढ़ाया जाएगा। पूर्वी सिंहभूम के सभी चिकित्सा प्रभारियों को गर्मी को लेकर अलर्ट किया गया है।

By Amit Kumar Edited By: Shoyeb Ahmed Published: Fri, 29 Mar 2024 11:39 PM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2024 11:39 PM (IST)
Jharkhand News: गर्मी से निपटने की तैयारियां जारी, रैपिड रिस्पॉन्स टीम का होगा गठन... अस्पतालों में बढ़ेंगे बेड
गर्मी से निपटने को लेकर रैपिड रिस्पांस टीम का होगा गठन (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। गर्मी इस साल ज्यादा पड़ने की संभावना जताई जा रही है। इसे देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन झारखंड के अभियान निदेशक ने सिविल सर्जन डा. जुझार माझी को एक पत्र लिखकर विशेष दिशा-निर्देश दिया है।

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उसके आलोक में सिविल सर्जन ने पूर्वी सिंहभूम जिले के सभी चिकित्सा प्रभारियों को अलर्ट करते हुए पुख्ता तैयारी करने का निर्देश दिया है ताकि गर्मी में मरीजों को किसी तरह की परेशानी न हो। सिविल सर्जन ने कहा कि शहर का तापमान लगातार बढ़ रहा है।

बता दें कि गर्मियों से निपटने के लिए रैपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन किया जाएगा और अस्पतालों में डेडिकेटेड बेड की संख्या में वृद्धि होगी।

गर्मी के दिनों में इन परेशानी की रहती है संभावनाएं

वहीं, गर्मी के दिनों में डिहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी होना), सिरदर्द, सिर का चक्कर, त्वचा के लाल चकत्ते, हृदय संबंधी जटिलता, गर्मी धूप का प्रकोप, हीट टेटनी, एक्सर्शनल हीट स्ट्रोक, हीट क्रैंप, ब्रेन स्ट्रोक आदि के मामले बढ़ने की संभावना अधिक रहती है।

लू लगने का प्रमुख कारण

जिला महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. असद ने कहा कि लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और खनिज की कमी हो जाना होता है। पीड़ित व्यक्ति को यथाशीघ्र नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचाकर रोगियों की संख्या में कमी लाई जा सकती है।

गर्मी को लेकर दिशा-निर्देश जारी

- गर्मी से संबंधित बीमारी से निपटने के लिए सभी चिकित्सक, पारा मेडिकल स्टाफ का उन्मुखीकरण किया जाए।

- गर्मी से संबंधित अगर कोई मरीज मिले तो उसका इमरजेंसी में इलाज सुनिश्चित किया जाए।

- अस्पताल के क्षमता के अनुसार लू संबंधित मरीजों के लिए डेडिकेटेड बेड की व्यवस्था की जाए।

- इमरजेंसी स्थिति से निपटने के लिए रैपिड रिस्पांस टीम का गठन जिला व प्रखंड स्तर पर किया जाए।

- स्टाफ, बेड, आईवी फ्लूड, ओआरएस सहित अन्य दवाएं व उपकरण की पर्याप्त व्यवस्था जिला एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर की जाए।

- पांच वर्ष से कम आयुवर्ग वाले बच्चे, गर्भवती, महिला व वरिष्ठ नागरिक के लिए आउटरीच क्लिनिक की व्यवस्था की जाए।

- ओपीडी में आने वाले सभी मरीजों के लू के लक्षण की जांच अवश्य करें। ओपीडी कक्ष में बैठने की उचित प्रबंध के साथ ठंडे पेय जल की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए।

- वार्डों में शीतलता हेतु पंखा या कूलर की व्यवस्था अथवा अन्य उपाय किया जाए।

- प्राथमिक उपचार कक्ष में ओआरएस कार्नर बनाया जाए।

- पर्याप्त मात्रा में इंट्रावेनस फ्लूइड, ओआरएस पैकेट, बुखार की दवा की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

सिविल सर्जन ने अलर्ट होने को कहा

सिविल सर्जन डॉ. जुझार माझी ने बढ़ती गर्मी को देखते हुए सभी को लोगों को अलर्ट होने की हिदायत दी गई है। वहीं, चिकित्सा पदाधिकारियों को भी विशेष दिशा-निर्देश दिया गया है और साथ ही प्रशिक्षण भी दिया गया है। ताकि मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो।

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