Move to Jagran APP

विकसित शहरों से ही निखरेगा भारत, जेवर एयरपोर्ट पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास को देगा एक नया आयाम

पीएम नरेन्द्र मोदी गौतमबुद्ध नगर के जेवर में देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट की आधारशिला रखने जा रहे हैं। यह एयरपोर्ट नोएडा ही नहीं अपितु समूचे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास को एक नया आयाम देगा। इससे नोएडा के ग्लोबल एक्सपोजर में भी सहायता मिलेगी।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 09:07 AM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 09:07 AM (IST)
विकसित शहरों से ही निखरेगा भारत, जेवर एयरपोर्ट पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास को देगा एक नया आयाम
जेवर में देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट की आधारशिला रखी जाएगी (फाइल फोटो)

रमेश कुमार दुबे: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गौतमबुद्ध नगर के जेवर में देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट की आधारशिला रखने जा रहे हैं। यह एयरपोर्ट नोएडा ही नहीं, अपितु समूचे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास को एक नया आयाम देगा। इससे नोएडा के ग्लोबल एक्सपोजर में भी सहायता मिलेगी। तरक्की की ऊंची उड़ान का यह पड़ाव इस बात का प्रमाण है कि भले ही विकसित देशों में शहरीकरण ढलान की ओर हो, लेकिन विकासशील देशों में अभी भी शहर विकास के इंजन बने हुए हैं। इसीलिए इन देशों में उद्देश्य विशेष के लिए शहर बसाए जा रहे हैं। आंध्र प्रदेश में अमरावती और गुजरात में गांधीनगर के पास गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी (गिफ्ट) इसके बड़े उदाहरण हैं। शहर केंद्रित विकास की यह प्रवृत्ति दक्षिण कोरिया, वियतनाम और मेक्सिको जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में हावी है।

loksabha election banner

चीन ने तो पिछले तीन दशकों में 19 छोटे शहरों को बड़े शहरों में बदल डाला। दरअसल एक क्षेत्र विशेष में औद्योगिक प्रतिष्ठानों और जनसंख्या के एकत्रीकरण से निर्मित विशालकाय बाजार में न सिर्फ परिवहन सुगम होता है, बल्कि व्यापारिक लागत भी कम आती है। दूसरे शब्दों में कहें तो यह विशालकाय बाजार विकास के इंजन की भांति काम करता है। महानगरों की मांग और वहां बढ़ती भीड़ ने आसपास के इलाकों की तस्वीर बदल दी है। नोएडा इसका सटीक उदाहरण है। उत्तर प्रदेश सरकार ने 1976 में 36 गांवों को जिस नवीन ओखला औद्योगिक विकास क्षेत्र यानी नोएडा के रूप में स्थापित किया था, वही आज ग्लोबल सिटी बनने की ओर अग्रसर है।

राजनीतिक हलकों में नोएडा को लेकर फैले अंधविश्वास को दरकिनार करते हुए उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब तक दर्जनों बार नोएडा आकर उसे अरबों रुपये की परियोजनाओं की सौगात दे चुके हैं। इसी का नतीजा है कि नोएडा आज देश में सबसे अधिक निवेश आकर्षित करने वाला जिला बन चुका है।

नोएडा में पिछले साढ़े चार वर्षो में रिकार्ड तोड़ 64,362 करोड़ रुपये का निवेश आया है, जिससे यहां 4,84,922 लोगों को रोजगार मिला। यदि देश के सभी 718 जिलों को देखें तो किसी भी जिले में इतना अधिक निवेश नहीं आया है। इस प्रकार नए निवेश में मुंबई और बेंगलुरु जैसे दिग्गज शहरों को पीछे छोड़ते हुए नोएडा सबसे अधिक औद्योगिक निवेश वाला जिला बन गया है। इस तमगे को पाने में शहर के बेहतरीन बुनियादी ढांचे की बेहद अहम भूमिका रही है। फिलहाल यहां नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण और यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के रूप में तीन प्राधिकरण सक्रिय हैं। यहां देसी-विदेशी निवेशकों ने 64,362 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इनमें सैमसंग, टीसीएस, माइक्रोसाफ्ट, अदाणी समूह, केंट आरओ और हल्दीराम जैसे बड़े निवेशक शामिल हैं। अकेला यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ही क्षेत्र में एमएसएमई पार्क, अपैरल पार्क, टाय सिटी, मेडिकल पार्क, फिल्म सिटी और जेवर एयरपोर्ट का विकास कर रहा है। वहीं राज्य सरकार 100 एकड़ में प्लास्टिक प्रोसेसिंग पार्क बना रही है। दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार की निवेशक अनुकूल नीतियों से प्रभावित होकर देश-विदेश के बड़े निवेशक नोएडा में निवेश कर रहे हैं। इन्वेस्टर समिट में राज्य के लिए जिन सहमति पत्रों यानी एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए, उनमें से करीब 60 प्रतिशत नोएडा के लिए हुए हैं।

नोएडा इलेक्ट्रानिक मैन्यूफैक्चरिंग के नए गढ़ के रूप में भी उभरा है। सैमसंग, ओप्पो, वीवो और लावा जैसी कंपनियां यहां अपनी इकाइयां लगा रही हैं या पहले से स्थापित इकाइयों का दायरा बढ़ा रही हैं। सैमसंग ने तो यहां दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फैक्टरी बनाई है। यह दक्षिण कोरियाई दिग्गज कंपनी ‘इंडिया मेक फार द वर्ल्ड’ जैसी मुहिम भी चला रही है, जिसका लक्ष्य भारत में निर्मित हैंडसेट को विदेशी बाजारों में निर्यात करना है। यीडा में वीवो अपनी मोबाइल हैंडसेट विनिर्माण इकाई लगा रही है, जिसकी सालाना क्षमता 12 करोड़ हैंडसेट की है। राज्य सरकार की लाजिस्टिक नीति के तहत ग्रेटर नोएडा में 7,725 करोड़ रुपये के निवेश से मल्टी माडल लाजिस्टिक हब और मल्टी माडल ट्रांसपोर्ट हब बन रहा है। वहीं ग्रेटर नोएडा में दिल्ली-मुंबई इंडस्टियल कारिडोर के अंतर्गत तीन बड़ी परियोजनाएं विकसित की जा रही हैं। अब इन तीनों परियोजनाओं को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ने का खाका तैयार किया जा रहा है। अभी नोएडा से मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे बंदरगाह शहरों तक माल भेजने में चार-पांच दिन लगते हैं, लेकिन मल्टी माडल ट्रांसपोर्ट हब बन जाने से यह 24 घंटे में ही भेजा जा सकेगा।

ग्रेटर नोएडा में अंतरराष्ट्रीय स्तर का कौशल विकास केंद्र खुल रहा है। मुंबई की भांति यीडा में फाइनेंस सिटी की स्थापना हो रही है। उसमें देश भर की वित्तीय संस्थाओं को प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाएगा। फिल्म सिटी में देश के सभी बैंकों के कारपोरेट दफ्तर, वित्तीय संस्थाएं, शेयर बाजार, स्टाक एक्सचेंज और कमोडिटी बाजार से जुड़े कार्यालय आदि को जमीन दी जाएगी। उद्यमियों की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए योगी सरकार ग्रेटर नोएडा में आठ नए औद्योगिक क्लस्टर बनाने जा रही है।

स्पष्ट है कि सूचना प्रौद्योगिकी आधारित नवोन्मेषी युग में देश तभी अग्रणी बनेगा जब उसके विभिन्न हिस्सों में विश्वस्तरीय शहरों का विकास किया जाए। इससे न सिर्फ देश का सर्वागीण विकास होगा, बल्कि यह महानगरों में कायम तमाम समस्याओं का समाधान भी करेगा। बेहतर हो कि देश के अन्य राज्यों में नोएडा जैसे शहर विकसित किए जाएं और वे आपस में विकास के लिए होड़ करें।

(लेखक लोक नीति विश्लेषक हैं)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.