पर्यावरण प्रहरी बन देश के युवा अब चलाएंगे जागरूकता अभियान, 2026 को होगा ग्रैंड फिनाले
देश में वायु प्रदूषण और अन्य पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए युवाओं को 'पर्यावरण प्रहरी' बनाया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय ने 'नेशनल इनवायरमेंट यूथ पार्लियामेंट' अभियान शुरू किया है, जिसके तहत कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में वाद-विवाद प्रतियोगिताएं होंगी। चयनित युवा लोगों को जागरूक करेंगे और हानिकारक गतिविधियों को रोकने में मदद करेंगे। राष्ट्रीय स्तर पर ग्रैंड फिनाले जनवरी 2026 में होगा।

युवाओं को 'पर्यावरण प्रहरी' बनाया जाएगा। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वायु प्रदूषण सहित बढ़ती पर्यावरण चुनौतियों से निपटने के लिए देश भर से पर्यावरण के प्रति लगाव रखने वाले युवाओं की पहचान होगी। जिनका चयन प्रत्येक विश्वविद्यालय व कॉलेज स्तर पर एक वाद-विवाद प्रतियोगिता के जरिए होगा।
इस दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाले युवाओं को उन क्षेत्र में पर्यावरण प्रहरी के रूप में तैनात किया जाएगा। जो लोगों को न सिर्फ वायु प्रदूषण सहित दूसरे पर्यावरणीय संकट को लेकर सतर्क करेंगे, बल्कि उन गतिविधियों को बढ़ावा देने से रोकेंगे भी, जो मानव- जीवन को संकट में डालने वाली और पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकती है।
शिक्षा मंत्रालय ने शुरू किया अभियान
शिक्षा मंत्रालय ने वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के साथ मिलकर देश भर में नेशनल इनवायरमेंट यूथ पार्लियामेंट नाम से एक अभियान शुरू किया है। जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों की पर्यावरणीय चुनौतियों पर कालेजों व विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र न सिर्फ अपना बात रखेंगे बल्कि वह इससे बचाव को लेकर सुझाव भी देंगे। यह प्रतिस्पर्धा देश भर के प्रत्येक कॉलेज और विश्वविद्यालयों के बाद जोनल स्तर पर होगी। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर एक ग्रैंड फिनाले जनवरी 2026 में होगा।
इस दौरान देश के अलग-अलग क्षेत्र की समस्याओं को चिन्हित करते हुए राज्यों को दस जोन में भी बांटा गया है। प्रत्येक जोन से कम से कम 20 छात्र ग्रैंड फिनाले में शिरकत करेंगे। मंत्रालय का युवाओं के बीच यह अभियान अक्टूबर से जनवरी तक चलेगा। यह ऐसा समय होता है जब दिल्ली-एनसीआर सहित देश के अधिकांश राज्य वायु प्रदूषण की चपेट में रहते है।
यूजीसी के सचिव ने लिखी चिट्ठी
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( यूजीसी ) के सचिव मनीष आर जोशी ने सभी विश्वविद्यालय के कुलपति व कालेजों के प्राचार्यों को पत्र लिखकर इस अभियान में बढ़-चढ़ हिस्सा लेने को कहा है। उन्होंने कहा कि एनईपी के तहत भी सभी संस्थानों को छात्रों को पर्यावरण से जोड़ने के लिए ऐसी पहल करनी है, ताकि आने वाले पीढ़ी को पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों से बचाया जा सके। प्रतिस्पर्धा में शामिल होने वाले सभी छात्रों को एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
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