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    अब ट्रेन से करें भूटान की यात्रा, भारतीय रेलवे ने तैयार किया सॉलिड प्लान; प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे 3500 करोड़

    Updated: Sat, 01 Mar 2025 08:25 PM (IST)

    भारत और भूटान के बीच जल्द ही ट्रेन से यात्रा हो सकेगी। इसको लेकर भारतीय रेलवे ने डीपीआर तैयार कर लिया है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 3500 करोड़ रुपये लागत का अनुमान है। दोनों देशों के बीच इस रेल के शुरू होने से व्यापार और पर्यटन में बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी। प्रस्तावित रेलवे लाइन के लिए अंतिम लोकेशन सर्वे पहले ही पूरा हो चुका है।

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    जल्द ही ट्रेन से जा सकेंगे भूटान, रेलवे ने पूरा किया डीपीआर। (फाइल फोटो)

    पीटीआई, गुवाहाटी। आप जल्द ही ट्रेन से पड़ोसी देश भूटान जा सकेंगे। भारतीय रेलवे ने असम के कोकराझार से भूटान के गेलेफू तक रेलवे ट्रैक बिछाने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को पूरा कर लिया है।

    पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के प्रवक्ता ने शनिवार को कहा, प्रस्तावित रेलवे लाइन के लिए अंतिम लोकेशन सर्वे पहले ही पूरा हो चुका है। अब डीपीआर की मंजूरी का इंतजार है। प्रस्तावित 69.04 किलोमीटर लंबी यह रेलवे लाइन असम के कोकराझार स्टेशन को भूटान के गेलेफू से जोड़ेगी।

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    परियोजना पर खर्च होंगे 3500 करोड़

    इस परियोजना पर 3,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी। प्रस्तावित रेलवे लाइन दोनों देशों के बीच व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक मेल- जोल बढ़ाकर भारत-भूटान संबंधों को और मजबूत करेगी। इससे कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा। भूटान- भारत के पहले रेलवे लिंक से निर्बाध परिवहन की सुविधा मिलेगी। रेलवे लाइन बोडोलैंड क्षेत्र को व्यापार केंद्र के रूप में स्थापित करेगी, जिससे स्थानीय समुदायों को लाभ होगा।

    भारत और भूटान के बीच हुआ था समझौता

    जानकारी दें कि कुछ महीने पहले पीएम मोदी की भूटान यात्रा के दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसमें रेल लिंक परियोजना भी शामिल रही। अब इसपर काम करने की तैयारी है। दोनों देशों ने रेल परियोजनाओं को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के अनुसार भारत और भूटान के बीच दो रेल मार्ग बनाने की योजना है। जिसमें कोकराझार-गेलेफू और बनारहाट-समत्से शामिल हैं।

    दोनों देशों की दूरी होगी कम

    दोनों देशों के बीच रेल यात्रा के शुरू हो जाने से भारत और भूटान के बीच दूरी कम हो जाएगी। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापार की रफ्तार भी तेज होने की उम्मीद है। असम के लिए ये रेल परियोजना नई उम्मीद खोलेगी। भूटान भी इस रेल परियोजना को लेकर काफी उत्सुक है।

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