Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुंबई HC ने योगी आदित्यनाथ पर बनी फिल्म को प्रदर्शन की दी मंजूरी, कहा- कुछ भी आपत्तिजनक नहीं

    मुंबई उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित फिल्म अजेय द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी के प्रदर्शन को मंजूरी दे दी है। अदालत ने कहा कि फिल्म में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है और सेंसर बोर्ड को बिना किसी कट के प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया है। फिल्म द मोंक हू बिकेम चीफ मिनिस्टर पुस्तक से प्रेरित है।

    By Jagran News Edited By: Prince Gourh Updated: Mon, 25 Aug 2025 10:00 PM (IST)
    Hero Image
    मुंबई HC ने योगी आदित्यनाथ पर बनी फिल्म को प्रदर्शन की दी मंजूरी (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, मुंबई। मुंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित एक फिल्म के प्रदर्शन को मंजूरी दे दी और कहा कि इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया गया है।

    न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की पीठ ने सेंसर बोर्ड को फिल्म ‘अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी’ को प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया और कहा कि इसे बिना किसी संपादन या कट के रिलीज किया जा सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'फिल्म में कुछ भी नहीं है आपत्तिजनक'

    पीठ ने कहा कि उसने फिल्म देखी है और उसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया। 'द मॉन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर' पुस्तक से प्रेरित इस फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा सेंसर प्रमाणपत्र जारी न करने के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था।

    सेंसर बोर्ड ने फिल्म को लेकर कई आपत्तियां उठाई थीं, जिनमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र न जमा करना भी शामिल था। सेंसर बोर्ड ने फिल्म के कई दृश्यों और संवादों पर भी आपत्ति जताई थी और निर्माताओं से उन्हें संपादित करने को कहा था।

    अदालत ने किया स्वीकार

    पीठ ने सेंसर बोर्ड के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें फिल्म में कटौती और संपादन की सिफारिश की गई थी।

    फिल्म निर्माताओं के निर्माताओं के वकील रवि कदम और अधिवक्ता सत्या आनंद तथा निखिल अराधे ने कहा कि फिल्म में तीन पंक्तियों का अस्वीकरण शामिल किया गया है, जिसमें कहा गया है कि फिल्म काल्पनिक है और वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है। अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया।

    पीएम-सीएम बर्खास्‍तगी बिल से क्‍या बदलेगा? विरोध में विपक्ष; एक्‍सपर्ट ने गिनाए फायदे