बीमार पिता के साथ योग सीखा, पिता हुए निरोग, बेटा बना योग गुरु, जानिए पूरी कहानी
योग प्रशिक्षक ब्रजेश बताते हैं कि योग से पिता की बैसाखियां छूट गई। पिता का योग के प्रति समर्पण देखकर उन्होंने भी योग सीख लिया।
ओपी ताम्रकार, बीना (सागर)। आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. विश्वनारायण शर्मा दूसरों का उपचार करते-करते बीमार हो गए। फीमर बोन (रीढ़ और कमर की हड्डी के बीच के हिस्से में दर्द) ने उन्हें बैसाखी पर ला दिया। सलाह पर उन्होंने योग को अपनाया। खुद स्वस्थ हुए और बेटे भी निपुण हो गया। बेटा अब योग गुर बनकर योग का प्रशिक्षण दे रहा है।
कमर दर्द के कारण खड़े नहीं हो पाते थे पिता
मध्य प्रदेश के बीना के शास्त्री वार्ड निवासी योग प्रशिक्षक ब्रजेश शर्मा के पिता विश्वनारायण शर्मा वर्ष 1990 में स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त हुए। उसके बाद उन्हें फीमर बोन में परेशानी शुरू हो गई। चलने-फिरने तक में असहज होने पर वे योग गुरू बाबा रामदेव के संपर्क में आए। तीन माह तक हरिद्वार में रहकर योग आसनों का प्रशिक्षण लिया। ब्रजेश बताते हैं कि योग से पिता की बैसाखियां छूट गई। पिता का योग के प्रति समर्पण देखकर उन्होंने भी योग सीख लिया। अब वे लोगों को योग का नियमित प्रशिक्षण दे रहे हैं।
कोरोना से बचने के लिए सुझाए उपाय
उनका कहना है कि कोरोना से बचाव के लिए जठराग्नि प्रबल रखनी चाहिए। आसनों और प्राणायाम के अलावा भोजन में विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ, सुबह गर्म पानी में नींबू का रस, तुलसी का अर्क भी फायदेमंद है। भोजन में हल्दी का उपयोग बढ़ा देना चाहिए। वे बताते हैं कि योग सीखने के बाद उनके पिता करीब 20 साल तक स्वस्थ रहे। 2010 में उनका निधन हो गया। ब्रजेश कोरोना संक्रमण काल में पुलिस को योग का नियमित प्रशिक्षण दे रहे हैं। कंट्रोल रूम के मैदान में सुबह 6 से 7 बजे तक योग की कक्षा लगती है। इसमें विभिन्न आसनों का अभ्यास कराया जाता है।
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