जाति मजहब की सीमा से नहीं बांधा जा सकता योग : राजनाथ
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का सबसे बड़ा सूबा उत्तर प्रदेश रविवार को देश की इस सांस्कृतिक विरासत का महापर्व मनाने में बढ़चढ़ कर आगे रहा।
लखनऊ । अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का सबसे बड़ा सूबा उत्तर प्रदेश रविवार को देश की इस सांस्कृतिक विरासत का महापर्व मनाने में बढ़चढ़ कर आगे रहा। सुबह से ही योग के आयोजन स्थलों पर आम से लेकर खास, बच्चे से लेकर बुजुर्ग-महिलाएं और सीआरपीएफ व सेना के जवान सभी पूरे उत्साह के साथ योग में रमे। राजधानी में सबसे बड़े आयोजन स्थल केडी सिंह बाबू स्टेडियम में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी मेयर डॉ. दिनेश शर्मा के साथ 35 मिनट तक योग के कई आसन किए।
इस दौरान मुस्लिम धर्म के लोग भी योग में शामिल हुए। राजनाथ सिंह ने ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि योग भारत की सांस्कृतिक विरासत है। इसे जाति, मजहब व धर्म की सीमा में नहीं बांधा जा सकता। 170 देशों ने भारत की सांस्कृतिक विरासत योग को अपनाकर इस राष्ट्र को महत्वपूर्ण स्थान दिया है। सही मायने में भारत विश्र्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है।
मेरठ में कैंट में चार हजार सैनिकों ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में योग किया। पश्चिमी कमान के जीओसी इन सी लेफ्टिनेंट जनरल केजे सिंह भी मौजूद रहे। स्वामी कर्मवीर ने भी चौधरी चरण सिंह विवि में योग कराया। पीलीभीत में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, बरेली में केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार और आंवला सांसद धर्मेद्र कश्यप ने भी योगाभ्यास में हिस्सा लिया। आगरा में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलौत, रामशंकर कठेरिया और उप्र भाजपा प्रभारी ओम माथुर के नेतृत्व में हजारों लोगों ने योग किया। बड़ौत के जनता वैदिक डिग्री कालेज में योग शिविर में सांसद डॉ. सत्यपाल सिंह ने योग किया।
नाईक बोले, उप्र सरकार कर्मचारियों से करवाए योग
राज्यपाल राम नाईक ने भी राजधानी के स्वर्ण जयंती पार्क में योगाभ्यास कार्यक्रम में योग किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार राज्य कर्मचारियों से योग करवाए। योग से कार्य करने की क्षमता बढ़ती है।
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