Year Ender 2024: टाटा, येचुरी और उधास... 2024 में कई दिग्गजों ने दुनिया को कहा अलविदा
Year Ender 2024 राजनीति हो या खेल और फिल्म जगत... इस साल कई बड़े दिग्गज हमारा साथ छोड़ दुनिया को अलविदा कह गए। इन हस्तियों के जाने से लाखों फैन गमगीन हो गए। इस साल रतन टाटा सीताराम येचुरी बाबा सिद्दीकी और मुनव्वर राणा समेत कई सेलेब्रिटी दुनिया को अलविदा कह गए। आइए जानते हैं इन दिग्गजों के बारे में....
डिजिटल जेस्क, नई दिल्ली। Year Ender 2024 इस साल दुनिया की कई बड़ी हस्तियों ने हमें अलविदा कहा है। चाहे राजनीति, खेल हो या फिल्म जगत हो, कई बड़े दिग्गज हमारा साथ छोड़ गए। इन हस्तियों के जाने से लाखों फैन गमगीन हो गए। इस साल रतन टाटा, सीताराम येचुरी, बाबा सिद्दीकी और मुनव्वर राणा समेत कई सेलेब्रिटी दुनिया को अलविदा कह गए।
आइए, जानते हैं इन दिग्गजों के बारे में....
जाकिर हुसैन
शास्त्रीय संगीत में भारत को अलग पहचान दिलाने वाले मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन (zakir hussain death) का आज निधन हो गया। वो 73 साल के थे। जाकिर ने 7 साल की उम्र में ही बड़े-बड़े कार्यक्रम में परफॉर्म करना शुरू कर दिया था। वो न सिर्फ महान तबला वादक थे, बल्कि उन्होंने कई फिल्मों के गानों को भी संगीत दिया था।
हुसैन को कई पुरस्कार भी मिल चुके थे। वो चार ग्रैमी पुरस्कार, 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण पा चुके थे।
रतन टाटा
- भारत के सबसे बड़े उद्योग घराने टाटा समूह को ऊंचाईयों तक पहुंचाने वाले रतन टाटा ने हाल ही में दुनिया को अलविदा कहा।
- 9 अक्टूबर को उन्होंने अंतिम सांस ली। रतन टाटा न सिर्फ व्यापार जगत में बेहतरीन कार्य के लिए जाने जाते हैं, बल्कि समाज सेवा के लिए किए जाने वाले कार्यों के लिए भी उनकी खूब चर्चा होती है।
- रतन टाटा के नेतृत्व में ही टाटा समूह ने ब्रिटिश ऑटोमोटिव दिग्गज जगुआर और लैंड रोवर, अमेरिकी लक्जरी होटल चेन रिट्ज कार्लटन और इटली की एयरोस्पेस निर्माता पियाजियो का अधिग्रहण किया।
सीताराम येचुरी
दिग्गज राजनेता और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का इसी साल 19 अगस्त को निधन हुआ था। येचुरी को फेफड़े से संबंधित बीमारी थी। सीताराम येचुरी वामपंथी राजनीति के एक प्रमुख चेहरा थे। येचुरी साल 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) में शामिल हुए थे। साल 1975 में वो CPIM से जुड़े।
राजनीति में पकड़ रखने वाले येचुरी 2005 में पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए चुनकर संसद पहुंचे। येचुरी को 2015 में CPIM का पांचवां महासचिव बनाया गया। इसके बाद 2018 और 2022 में येचुरी को फिर महासचिव बनाया गया।
सुशील कुमार मोदी
- बिहार के राजनीति के केंद्र कहे जाने वाले सुशील कुमार मोदी का निधन 13 मई को हुआ था। पांच दशकों तक बिहार की राजनीति में अलग-अलग भूमिका निभाने वाले सुशील कुमार मोदी बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री भी रहे हैं। वो कैंसर से जूझ रहे थे।
- पूर्व उपमुख्यमंत्री जेपी आंदोलन की उपज माने जाते थे।
- सुशील कुमार 1990 में पटना केन्द्रीय विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद 1995 और 2000 में भी वो इसी सीट से चुनाव जीते।
- साल 2004 में वो भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीते थे। साल 2005 में उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दिया और विधान परिषद से निर्वाचित होकर उपमुख्यमंत्री बने।
पंकज उधास
दिग्गज सिंगर पंकज उधास का निधन भी इसी साल 26 फरवरी को हुआ था। वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उधास के निधन की खबर सुन पूरी सिंगिंग इडस्ट्री समेत हर किसी की आंख नम हो गई थी।
पंकज उधास ने 6 साल की उम्र में ही गाना शुरू कर दिया था। 'चिट्ठी आई है...', 'चांदी जैसा रंग है तेरा, सोने जैसे बाल...' जैसे हिट गानों ने उन्हें सबके दिलों पर राज करवाया।
अंशुमान गायकवाड़
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और टीम इंडिया के कोच रह चुके अंशुमान गायकवाड़ का निधन 31 जुलाई को हुआ था। गायकवाड़ ने 27 दिसंबर 1974 को कोलकाता में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच से डेब्यू किया था। उन्होंने आखिरी टेस्ट साल 1984 के आखिरी दिन इंग्लैंड के खिलाफ खेला था।
क्रिकेट खेलने के अलावा उन्होंने कोचिंग में भी हाथ आजमाया था। गायकवाड ब्लड कैंसर से जूझ रहे थे और उनकी इलाज में मदद के लिए कपिल देव, मदन लाल समेत कई दिग्गज खिलाड़ी आगे आए थे।
मुनव्वर राणा
- मशहूर शायर मुनव्वर राणा का निधन 71 साल की उम्र में 14 जनवरी को हुआ था। मुनव्वर का जन्म 26 नवंबर 1952 को यूपी के रायबरेली में हुआ था।
- मुनव्वर उर्दू के शायर थे, लेकिन वे अपनी शेरों में अवधी और हिंदी शब्दों का प्रयोग प्रमुखता से करते थे, जिस कारण उन्हें भारतीय लोगों की लोकप्रियता मिली।
- मुनव्वर उर्दू ही नहीं हिंदी और अवधी शब्दों का भी खूब इस्तेमाल करते थे, यही कारण था कि वो भारतीय के दिलों में राज करते थे। उनकी शायरी काफी लोकप्रिय थी।
बाबा सिद्दीकी
अजित पवार गुट के एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मुंबई के बांद्रा ईस्ट में उनपर घात लगाकर गोलीबारी की गई, जिसमें उनकी मौत हो गई। बाबा की मौत के मामले राजनीतिक रंग भी ले लिया था। इसको लेकर तत्कालीन शिंदे सरकार भी सवालों के घेरे में रही।
बाबा सिद्दीकी चार दशक से राजनीति में रहे। वो 16 साल की उम्र में ही कांग्रेस से जुड़ गए थे और 1999 से 2014 तक लगातार विधायक रहे। कुछ महीने पहले ही वो एनसीपी में आए थे। सियासत ही नहीं बाबा की बॉलीवुड में भी अच्छी पकड़ थी। बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टी हमेशा चर्चा में रहती थी।
शारदा सिन्हा
प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 साल की उम्र में 5 नवंबर को निधन हुआ था। उनके जाने से बिहार की लोक संस्कृति ने अपना एक अनमोल रत्न खो दिया। शारदा सिन्हा पद्मभूषण से सम्मानित थीं।
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