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    शी चिनफिंग की यात्रा से भारत-रूस संबंधों पर नहीं पड़ेगा असर, रूसी राजदूत ने दावों का किया खंडन

    By AgencyEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Thu, 23 Mar 2023 05:37 PM (IST)

    रूसी राजदूत ने एक ट्वीट में कहा कि शी चिनफिंग की रूस यात्रा को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं। भारतीय विशेषज्ञों का कहना है कि रूस-चीन संबंध रूस-भारत सामरिक संरेखण को प्रभावित करेंगे। रूसी दूत ने इसे एक मनगढंत सोच कहकर खारिज कर दिया।

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    रूसी राजदूत ने कहा कि शी चिनफिंग की रूस यात्रा को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं।

    नई दिल्ली, एएनआई। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग 20 से 23 मार्च तक रूस की तीन दिवसीय यात्रा पर थे। चिनफिंग की हालिया यात्रा से भारत-रूस रणनीतिक संबंधों पर तमाम सवाल खड़े हुए। ऐसे में भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने गुरुवार को बयान सामने आया है। उन्होंने मीडिया विशेषज्ञों के उन दावों का खंडन किया, जिसमें कहा जा रहा था कि इस चिनफिंग की यात्रा से भारत-रूस रणनीतिक संबंधों को नुकसान पहुंचाएगा।

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    भारतीय विशेषज्ञों का कहना

    रूसी राजदूत ने एक ट्वीट में कहा कि शी चिनफिंग की रूस यात्रा को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं। भारतीय विशेषज्ञों का कहना है कि रूस-चीन संबंध रूस-भारत सामरिक संरेखण को प्रभावित करेंगे।' रूसी दूत ने इसे एक 'मनगढंत सोच' कहकर खारिज कर दिया।

    ट्वीट कर रूसी राजदूत ने बताया

    भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, 'शी चिनफिंग की रूस यात्रा के परिणामों की इन दिनों तमाम बातें निकाली जा रही है।' उन्हें ऐसा आभास हुआ मानो विभिन्न प्रतिष्ठित भारतीय विशेषज्ञ रूस-चीन संबंधों के बारे में लगभग सपना देखते हैं जो रूस-भारत रणनीतिक संरेखण को नुकसान पहुंचाते हैं।

    शी चिनफिंग की यात्रा

    चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अपनी यात्रा के दौरान मास्को में, शी ने राष्ट्रपति पुतिन के साथ मुलाकात की थी। यह एक राजकीय यात्रा थी, जिसने यूक्रेन में युद्ध के बीच उनके राष्ट्रों के घनिष्ठ संबंधों को उजागर किया, जिस पर कीव और उसके पश्चिमी सहयोगियों द्वारा बारीकी से नजर रखी गई थी।

    शी चिनफिंग ने राष्ट्रपति पुतिन से कहा कि उन्हें विश्वास है कि पुतिन को अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले रूसी लोगों का समर्थन प्राप्त है। वहीं, शी की मॉस्को की राजकीय यात्रा की शुरुआत में अनौपचारिक वार्ता में बोलते हुए, पुतिन ने यह भी कहा कि रूस हाल के दशकों में चीन के तेजी से विकास से 'थोड़ा ईर्ष्या' कर रहा था।

    हालांकि इस बीच, यूक्रेन और यूनाइटेड किंगडम ने चीनी नेता से अपने प्रभाव का उपयोग करने और युद्ध को समाप्त करने के लिए मास्को पर दबाव डालने का आह्वान किया था।