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    अहम मुद्दों पर सहमति नहीं बनने से WTO की बैठक तय समय से आगे बढ़ी, किसान-मछुआरों के हितों पर भारत कायम

    विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मिनिस्ट्रियल कांफ्रेंस में अहम मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाने से चौथे दिन देर रात तक बैठक जारी रही और अब पांचवें दिन ही किसी सहमति पर पहुंचने की संभावना है। एमसी13 का आयोजन 26 फरवरी को शुरू हुआ था और 29 फरवरी को समाप्त होना था लेकिन अब एक मार्च को ही किसी नतीजे पर पहुंचने की संभावना है।

    By Jagran News Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Thu, 29 Feb 2024 10:58 PM (IST)
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    अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात में डब्ल्यूटीओ की बैठक। (फोटो- एपी)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मिनिस्ट्रियल कांफ्रेंस में अहम मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाने से चौथे दिन देर रात तक बैठक जारी रही और अब पांचवें दिन ही किसी सहमति पर पहुंचने की संभावना है।

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    एमसी13 का आयोजन 26 फरवरी को शुरू हुआ था और 29 फरवरी को समाप्त होना था, लेकिन अब एक मार्च को ही किसी नतीजे पर पहुंचने की संभावना है। डब्ल्यूटीओ में किसानों के हित से जुड़े पब्लिक स्टाक होल्डिंग पर स्थायी समाधान के साथ मछुआरों के हित की रक्षा करना भारत के लिए अहम मुद्दा है। डिजिटल रूप में आने वाली वस्तुओं पर सीमा शुल्क की छूट अवधि को बढ़ाने या उसे समाप्त करना भी एमसी13 का अहम मुद्दा है।

    भारत वैश्विक व्यापार विवाद के निपटान के लिए डब्ल्यूटीओ की अपीलेट बाडी में जज की नियुक्ति भी चाहता है ताकि सैकड़ों लंबित विवादों का निपटान हो सके। एमसी13 में हिस्सा ले रहे वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार देर शाम बताया था कि भारत गरीब व विकासशील देशों के हितों को ध्यान में रखते हुए एमसी13 में सहमति बनाने का पूरा प्रयास कर रहा है।

    उन्होंने कहा कि भारत हर हाल में अपने किसान व मछुआरों के हित से कोई समझौता नहीं करेगा और हम पहले की तरह ही सभी विकासशील व गरीब देशों के किसान व मछुआरों के हित के मुद्दों को डब्ल्यूटीओ के मंच पर उठाते रहेंगे। विकसित देश विकासशील देश की तरफ से किसानों की दी जाने वाली सब्सिडी को खत्म कराना चाहते हैं। हालांकि वर्ष 2013 में डब्ल्यूटीओ के मिनिस्ट्रियल कांफ्रेंस में सभी देशों के बीच पीस क्लाज पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसके तहत किसानों की दी जाने सब्सिडी को स्थायी समाधान निकलने तक चुनौती नहीं दी जा सकती।