Missing AN-32: खराब मौसम की वजह से एएन-32 के मलबे तक नहीं पहुंच सका बचाव दल
पिछले एक हफ्ते से लापता विमान AN-32 का मलबा मंगलवार को MI-17 हेलिकॉप्टर द्वारा 12 हजार फीट की ऊंचाई पर देखा गया। खराब मौसम के चलते बचाव दल दुर्घटना स्थल तक नहीं पहुंच सके।
नई दिल्ली, प्रेट्र/एएनआइ। अरुणाचल प्रदेश में वायुसेना के दुर्घटनाग्रस्त एएन-32 विमान के मलबे तक पहुंचना बचाव दल के लिए कठिन साबित हो रहा है। बुधवार को 15 सदस्यीय बचाव दल ने दुर्घटनास्थल तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन दुर्गम इलाके और बेहद खराब मौसम की वजह से यह दल सफल नहीं हो सका। लिहाजा बचाव दल को एयरलिफ्ट करके दुर्घटनास्थल के करीब स्थित शिविर तक पहुंचाया गया। दुर्घटनाग्रस्त विमान में 13 लोग सवार थे।
वायुसेना प्रवक्ता ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि बचाव दल गुरुवार को फिर दुर्घटनास्थल तक पहुंचने की कोशिश करेगा। दरअसल, कोशिश यह है कि अगर दुर्घटना में कोई जीवित बचा हो तो उसे तुरंत वहां से निकाला जा सके। बचाव दल में वायुसेना के पर्वतारोही दल के नौ सदस्य, थलसेना के चार सदस्य और दो नागरिक पर्वतारोही हैं।
मंगलवार को वायुसेना के इस आठ दिनों से लापता विमान के मलबे को अरुणाचल प्रदेश के सियांग और शी-योमी जिले की सीमा पर गट्टे गांव के पास एमआइ-17 हेलीकॉप्टर से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर देखा गया था। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इस इलाके में घने जंगल हैं और वहां पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है।
देखिए, वायुसेना के विमान एएन32 के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावित जगह यह बताई गई है। अनुमान जताया जा रहा है कि बादलों की वजह से शायद पहाड़ दिख नहीं पाया और दुर्घटना हो गई।
Indian Air Force: #AN32Aircraft crash site in Arunachal Pradesh showing the probable crash point of the aircraft. It shows how close the plane was to clear the hill but could not, probably due to blockage of view due to clouds. pic.twitter.com/o3jRQ6gU4T — ANI (@ANI) June 12, 2019
वहीं, भारतीय वायु सेना (IAF)अरुणाचल प्रदेश के उस क्षेत्र में लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है, जहां कल लापता AN-32 विमान का मलबा मिला था।
#WATCH: Indian Air Force (IAF) continues search operation in the area where wreckage of missing AN-32 aircraft was found yesterday. #ArunachalPradesh pic.twitter.com/yoAMGg5ORk — ANI (@ANI) June 12, 2019
इससे पहले अरुणाचल प्रदेश सरकार की ओर से उस इलाके का नक्शा जारी किया गया है, जहां AN-32 विमान का मलबा मिला है। अरुणाचल प्रदेश सरकार द्वारा जारी नक्शे में AN-32 विमान के क्रैश साइट को साफ देखा जा सकता है।
Arunachal Pradesh Government officials: Map of the site where the missing AN-32 had crashed.
The Wreckage was spotted y'day 16 km North of Lipo, North East of Tato, at an approx elevation of 12000 ft,in Arunachal by IAF Mi-17 Helicopter undertaking search in expanded search zone pic.twitter.com/aaK0yvbyoo — ANI (@ANI) June 12, 2019
वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार शाम मलबा दिखाई देने के बाद ही सेना ने मलबे वाले स्थान पर चीता और एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर को उतारने का प्रयास किया था, लेकिन घने पहाडी जंगल होने के चलते हेलिकॉप्टर को वहां नहीं उतारा जा सका। हालांकि, मंगलवार देर शाम तक वायुसेना ने एक जगह को चिन्हित किया।
बता दें, 13 लोगों के साथ AN-32 मालवाहक विमान ने तीन जून की दोपहर 12.27 पर असम के जोरहाट से उड़ान भरी थी और एक बजे उसका संपर्क टूट गया था। पिछले आठ दिनों से एन-32 गायब था और भारतीय वायुसेना खोजने में जुटी थी।
वायुसेना ने इस विमान की खोज के लिए इसरो तक की मदद ली। तलाशी अभियान में विशेष ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाले एयरक्राफ्ट सी-130, एएन-32एस, एमआई-17 हेलिकॉप्टर और थल सेना के कई आधुनिक हेलिकॉप्टर शामिल थे। एएन-32 को खोजने में लगे सी-130जे, नेवी का पी8आई, सुखोई जैसे विमान दिन रात बहुत सारा डेटा इकट्ठा कर रहे थे।
भारतीय वायुसेना का कहना था कि क्रैश की संभावित जगह से इन्फ्रारेड और लोकेटर ट्रांसमीटर के संकेतों को विशेषज्ञ पकड़ने की कोशिश कर रहे थे। तस्वीरों और टेक्निकल सिग्नल के आधार पर कुछ खास बिंदुओं पर कम ऊंचाई पर हेलिकॉप्टर ले जाए जा रहे थे। लेकिन ऊपर से महज इतना हो पा रहा था कि कि वो बस जमीनी तलाशी टीम के साथ तालमेल बना पा रहे थे। जिसके चलते तलाशी अभियान में कई दिन का समय चला गया।
3 जून को गायब हुआ था विमान
इस विमान ने सोमवार 3 जून को दोपहर 12.25 बजे असम के जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरी थी। इस विमान का दोपहर 1 बजे के बाद से विमान से संपर्क टूट गया। वायुसेना ने इस विमान को खोजने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया। इस अभियान के लिए सुखोई 30 एयरक्राफ्ट और सी-130 स्पेशल ऑपरेशन एयरक्राफ्ट को लॉन्च किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना के उप प्रमुख राकेश सिंह भदौरिया से बातचीत की। काफी देर तक जानकारी न मिलने पर सर्च अभियान में थल सेना भी भी जुट गई।
सर्च अभियान में Satellites और spy planes को लगाया गया
विमान गायब होने के दूसरे दिन मंगलवार को विमान का पता लगाने के लिए वायुसेना और सेना की सभी एजेंसियों ने पूरी ताकत झोंक दी थी। इसके बाद सर्च अभियान में और तेजी लाने के लिए नौसेना के सर्विलांस एयरक्राफ्ट और इसरो के सैटेलाइट को भी शामिल किया गया। इसके बाद भी विमान का कोई सुराग नहीं मिला।
वायुसेना ने तेज किया अभियान, खराब मौसम से हुई दिक्कत
विमान गायब होने के तीसरे दिन बुधवार को वायु सेना ने थल सेना और नौसेना के साथ इस अभियान को और तेज कर दिया, लेकिन इसके बाद भी विमान का सुराग नहीं मिल सका। इस दौरान वायु सेना ने कहा कि घने वनस्पती और खराब मौसम की वजह से सर्च अभियान में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, पुलिस और राज्य प्रशासन द्वारा समर्थित, ग्राउंड टीमों और हवाई सेंसरों द्वारा खोज जारी रहा।
सर्च अभियान में विशेष हेलीकॉप्टर चीता भी हुआ शामिल
गुरुवार विमान गायब होने के चौथे दिन सर्च अभियान में वायु सेना ने ने अपने विशेष हेलीकॉप्टर चीता को भी लगाया। यह हेलीकॉप्टर दिखने में काफी छोटा और तेज गतिमान वाला हेलीकॉप्टर है। सकरी से सकरी पहाड़ियों में भी ये हेलीकॉप्टर आसानी से उड़ान भरता है और पैदल और दुर्गम क्षेत्रों में भी आसानी से पहुंच जाता है। इससे पहले इस अभियान में सुखोई-30, सी-130 जे समेत अन्य संसाधन पहले से ही लगे हुए थे।
लॉन्ग रेंज मैरीटाइम रीकानसन्स एयरक्राफ्ट सर्च अभियान में शामिल
शुक्रवार विमान गायब होने के पांचवे दिन शुक्रवार को लापता विमान AN32 का पता लगाने के लिए आइएनएस राजली, अरकोणम, तमिलनाडु का लॉन्ग रेंज मैरीटाइम रीकानसन्स एयरक्राफ्ट पी8I को सर्च ऑपरेशन में शामिल किया गया। इस दौरान इंडियन एयरफोर्स एविएशन रिसर्च सेंटर के ग्लोबल 5000 सर्विलांस एयरक्राफ्ट और NTRO स्पाई सैटलाइट के साथ दूसरे चीजों का भी इस्तेमाल किया गया।
बीएस धनोआ असम के जोरहाट एयरबेस पहुंचे
लापता AN-32 विमान का 5 दिन बाद भी सुराग नहीं मिलने पर वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ असम के जोरहाट एयरबेस पहुंचे। इस दौरान उन्होंने विमान में सवार एयरफोर्स कर्मियों के परिजनों के साथ बातचीत की। धनोआ ने इस दौरान उन्हें आश्वासन दिया कि विमान और कर्मियों का पता लगाने के लिए सभी संभव कदम उठाए जाएंगे।
मौसम बना बाधा नहीं चला सर्च ऑपरेशन
रविवार को लापता AN-32 विमान का सर्च अभियान खराब मौसम की वजह से बाधित रहा। इस दौरान बताया गया कि हेलिकॉप्टर, यूएवी और सी-130J ने खोजी अभियान के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन बारिश के कारण वापस आ गए। हालांकि, बताया गया कि जमीनी स्तर पर अभी सर्च ऑपरेशन चली।
मौसम ठीक होने पर फिर शुरू हुआ सर्च ऑपरेशन
सोमवार को मौसम ठीक होने पर वायुसेना ने फिर से हवाई सर्च ऑपरेशन शुरू किया। आठ दिन बीत जाने के बाद भी विमान का कोई सुराग नहीं मिला।
रूसी विमान है Antonov An-32
Antonov An-32 दो इंजन वाला टर्बोप्रोप मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट है। ये एयरक्राफ्ट रूसी विमान एएन-26 का आधुनिक वर्जन है। इस विमान की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह किसी भी मौसम में उड़ान भरने में सझम है। इस एयरक्राफ्ट को इंदिरा गांधी की सरकार के समय रूस और भारत के बीच दोस्ताना संबंध और भारतीय वायुसेना की जरूरतों को देखते हुए मंगाया गया था। दुनिया के 10 देशों में 240 से अधिक AN-32 विमान संचालित किए जा रहे हैं। भारत में 105 विमान अभी सेवा में हैं।
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