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    चांदी-सोना नहीं ये है दुनिया का सबसे महंगा धातु, एक ग्राम में कीमत आ जाएंगे 200 किलो सोना; जानिए खासियत

    Updated: Mon, 15 Dec 2025 09:52 PM (IST)

    कैलिफोर्नियम नामक एक धातु है जो सोने से भी महंगी है। यह दुर्लभ रेडियोधर्मी तत्व कृत्रिम रूप से बनाया जाता है और इसकी कीमत लगभग 200 किलोग्राम सोने के ब ...और पढ़ें

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    कैलिफोर्नियम दुनिया की सबसे महंगी धातुओं में शुमार है। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गोल्ड की कीमतें हर रोज आसमान छू रही है। अब सोना इतना महंगा शौक बन चुका है कि आम आदमी की पहुंच से बाहर जा चुका है। लेकिन क्या सोना ही सबसे महंगा धातु है? जवाब है नहीं। एक दूसरी भी धातु है जो सोने को भी पीछे छोड़ देती है।

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    ये इतनी दुर्लभ और कीमती है कि एक ग्राम की कीमत करीब 200 किलोग्राम सोने के बराबर आंकी जाती है। इसका नाम कैलिफोर्नियम है।

    कैलिफोर्नियम दुनिया की सबसे महंगी धातुओं में शुमार है। ये रेडियोएक्टिव तत्व है और इसकी दुर्लभता ही इसे इतना मूल्यवान बनाती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, कैलिफोर्नियम-252 आइसोटोप की उत्पादन लागत करीब 27 मिलियन डॉलर प्रति ग्राम है।

    कैलिफोर्नियम कैसे बनता है?

    सोना या चांदी की तरह कैलिफोर्नियम जमीन से नहीं निकाला जाता। ये पूरी तरह से कृत्रिम धातु है, जिसे लैब में बनाया जाता है। इसका सिंबल Cf है और ये रेडियोएक्टिव होता है। 1950 में अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में वैज्ञानिकों ने पहली बार इसे तैयार किया था।

    प्रकृति में कहीं भी कैलिफोर्नियम नहीं मिलता। हर ग्राम को न्यूक्लियर साइंस की मदद से बनाना पड़ता है। ये न्यूक्लियर रिएक्टरों में दूसरे भारी तत्वों को लंबे समय तक न्यूट्रॉन से बमबार्ड करके तैयार किया जाता है।

    बनाना क्यों इतना मुश्किल है?

    कैलिफोर्नियम की कमी इसलिए है क्योंकि इसे बनाना बेहद जटिल और खर्चीला काम है। दुनिया में सिर्फ कुछ ही जगहों पर, जैसे अमेरिका और रूस के न्यूक्लियर रिएक्टरों में, इसे बनाया जा सकता है। वहां भी सालाना सिर्फ मिलीग्राम या माइक्रोग्राम मात्रा में उत्पादन होता है। ये प्रक्रिया धीमी है, महंगी है और तकनीकी रूप से बहुत कठिन। इसलिए सप्लाई बेहद कम रहती है। पूरी दुनिया में कैलिफोर्नियम की कुल मात्रा कुछ ग्राम ही है।

    एक ग्राम इतना महंगा क्यों?

    इसकी कीमत इसकी कमी और उत्पादन की जटिलता से तय होती है। एक ग्राम कैलिफोर्नियम की कीमत 27 मिलियन डॉलर से ज्यादा बताई जाती है। मौजूदा सोने की कीमतों के हिसाब से ये करीब 200 किलोग्राम सोने के बराबर बैठती है।

    ये तुलना बताती है कि कैलिफोर्नियम कितना दुर्लभ और कीमती है। इस महंगी धातु का कोई जगह नहीं है ज्वेलरी या निवेश में। ये सिर्फ साइंस और टेक्नोलॉजी में काम आता है। न्यूक्लियर सेक्टर में इसका बड़ा रोल है।

    कैंसर के इलाज में कारगर?

    कैलिफोर्नियम का एक खास आइसोटोप, कैलिफोर्नियम-252, एडवांस्ड मेडिकल ट्रीटमेंट में इस्तेमाल होता है। न्यूट्रॉन थेरेपी में ये कैंसर सेल्स को टारगेट करके नष्ट करता है। खासकर गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर या ब्रेन ट्यूमर में, जहां आम रेडिएशन थेरेपी काम नहीं करती, वहां ये कारगर साबित होता है।

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