विश्व स्वास्थ्य दिवस: मोटापा कम करने के लिए ज्यादा जरूरी है आपका पाजिटिव माइंड सेट
शोध से यह पता चलता है कि जो मनुष्य बेहतर होने के बारे में सोचते हैं वे ज्यादा व्यायाम करते हैं। ज्यादा फल और फूल खाते हैं औसत तरीके से पानी पीते ...और पढ़ें

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। विश्व स्वास्थ्य दिवस पर लोगों का बढ़ता मोटापा लोगों की चिंता का विषय है। मोटापा कम करने के लिए लोग जाने क्या नहीं करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि लोगों का सकारात्मक दृष्टिकोण ही सबसे बड़ा समाधान है। भारत के शहरी इलाकों में भी यह समस्या बड़ी समस्या बन चुकी है।
अमेरिका में लगभग तीन-चौथाई पुरुष और 60 प्रतिशत महिलाएं अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं। लगभग 60 प्रतिशत ब्रिटिश वयस्क भी इस समस्या से जूझ रहे हैं। इसका मतलब है कि अमेरिका और ब्रिटेन के अधिकांश वयस्क अवसाद, हृदय रोग, स्ट्रोक, दो प्रकार के मधुमेह, कुछ प्रकार के कैंसर और समय से पहले मौत के के ऊंचे जोखिम से जूझ रहे हैं। डायटिशियन मोटापा रूपी महामारी पर अंकुश लगाने के लिए हर किसी को अपनी प्लेट में अधिक शाकाहार, कम मांस, कम चीनी और कम वसा का सेवन करने के लिए प्रेरित करते हैं।
हार्ले स्ट्रीट के मनोवैज्ञानिक डॉ. आरिया के अनुसार, जो स्थायी रूप से वजन घटाने में माहिर हैं, इसके दूसरे कारकों पर भी चर्चा करते हैं। हाल के अध्ययनों के अनुसार हमारे मनोविज्ञान, हमारे वजन और हमारे समग्र कल्याण के बीच एक शक्तिशाली संबंध पाया गया।
डॉ. आरिया वजन घटाने से जुड़ी सकारात्मक शैली की सोच के बारे में विस्तार से बताते हैं और आप स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए दृष्टिकोण में कैसे बदलाव ला सकते हैं, इस बारे में बताते हैं।
शरीर का वजन सकारात्मक माइंड सेट से कैसे जुड़ा होता है
हमारी मानसिकता विश्वासों, दृष्टिकोणों और उम्मीदों का एक संग्रह है। जिसे हम जैसा आकार देते है, हम वैसा ही महसूस करते हैं और इसके लिए हम क्या करते हैं। आपके द्वारा महसूस की जाने वाली हर भावना और आपके द्वारा किया जाने वाला हर काम, खाना और व्यायाम के बारे में आपकी मानसिकता से प्रभावित होता है।
यह सोचकर कि आप अपने आनुवंशिकी के कारण अपना आकार नहीं बदल सकते हैं और इसका आपके शरीर पर प्रभाव पड़ता है। यदि आप मानते हैं कि मोटापे का मुख्य रूप से एक आनुवंशिक आधार है तो आपके मन में पूर्वाग्रह सक्रिय हो जाते हैं। फिर आपको आनुवांशिक योगदान को कम करने और अपनी स्थिति को अपरिहार्य मानने और अपने व्यक्तिगत नियंत्रण से अलग देखने की संभावना बढ़ जाती है।
शोध से पता चलता है कि मोटापा आनुवांशिकी के साथ देह का ज्यादा आराम देने और कम सब्जी और फलों के प्रयोग से भी जुड़ा है। यह हमारे भोजन के उपयोग और व्यायाम के विकल्पों पर असर डाल सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप एक खुद की पूरी की जाने वाली भविष्यवाणी होती है कि हम कब अपना मोटापा कम कर सकते हैं। नवीनतम वैज्ञानिक निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि आपकी मानसिक दृष्टिकोण हमारी अपेक्षा के अनुरूप हमारे कामों का मार्गदर्शन करता है।
आपके स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण क्यों अच्छा है?
जीवन में आशावादी दृष्टिकोण अपनाने से स्वास्थ्य से जुड़े विकल्प की संभावना बढ़ जाती है। शोध से यह पता चलता है कि जो मनुष्य बेहतर होने के बारे में सोचते हैं, वे ज्यादा व्यायाम करते हैं। ज्यादा फल और फूल खाते हैं, औसत तरीके से पानी पीते हैं और जिंदगी में लाभकारी बदलाव के लिए प्रेरित होते हैं।
यह मानना कि आप अपने लक्ष्यों तक पहुंच सकते हैं, आपको यात्रा में आने वाली बाधाओं का समाधान खोजने के लिए प्रेरित करती है। हम सभी को असफलताओं का सामना करना पड़ता है। इसे तनावपूर्ण काम और पारिवारिक परिस्थितियों द्वारा महसूस किया जा सकता है। इन चुनौतियों का हम कैसे जवाब देते हैं, यही हमारी सफलता की कुंजी है। अध्ययन से यह पता चलता है कि आशावादी होने से परेशानी भरी परिस्थितियों का सामना किया जा सकता है। इससे कठिनाइयों से निपटने और प्रभावी रणनीति खोजने की अधिक संभावना होती है।
अध्ययनों से पता चलता है कि आशावादी परेशान करने वाली परिस्थितियों से बचने की कम संभावना है और कठिनाइयों से निपटने और निपटने के लिए प्रभावी रणनीति खोजने की अधिक संभावना होती है। विशिष्ट समस्याओं को सिर पर संबोधित करके, आप अपने जीवन पर नियंत्रण और स्वामित्व की सशक्त भावना महसूस करने की अधिक संभावना रखते हैं। विशिष्ट समस्याओं का आमना-सामना करके आप जीवन पर नियंत्रण और स्वामित्व की भावना महसूस करने की अधिक संभावना रखते हैं।
यह आप पर है कि गिलास का आधी खाली देखते हैं या आधा भरा हुआ
दो व्यक्ति जिन्होने व्यायाम शुरू किया और कुछ दिनों में कुछ वजन कम लिया। इसके बाद कुछ ऐसी परिस्थितियां सामने आईं। एक शख्स अपनी प्रगति से खुश है और दूसरा शख्स नाखुश। अध्ययन बताता है कि व्यायाम या वजन घटाने के साथ अधिक संतुष्टि काफी हद तक उस व्यायाम या वजन घटाने को सफलतापूर्वक लगातार बनाए रखने से जुड़ी हुई है। दूसरे शब्दों में कहें कि खुशी आपकी सफलता से जुड़ी हुई है। ज्यादा से ज्यादा इसे देखा जा सकता है। चाहे आप अपने आप को एक आशावादी, एक यथार्थवादी या निराशावादी के रूप में देख सकते हैं। अच्छी खबर यह है कि आप अपने दृष्टिकोण को अधिक सकारात्मक होने के लिए बदलाव कर सकते हैं।
सकारात्मक दृष्टिकोण से हम क्या कर सकते हैं
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि आपके संरचना और पर्यावरण सहित आपके शरीर का रूप, आकार और स्वास्थ्य को निर्धारित करने वाले कई कारक हैं। आप जैसा सोचते हैं यह एक बिदु है लेकिन यह ऐसा कारक है जिसकी अक्सर अनदेखी की जाती है। यदि आप अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहते हैं और स्वास्थ्य में सुधार करना चाहते हैं, तो यहां तीन सरल विज्ञान-आधारित उपकरण हैं जिनका उपयोग आप आज लागू कर सकते हैं
1. जो खाना आपको पसंद है, उसके बारे में लिस्ट बनाएं
अधिकांश आहार एक निश्चित खाद्य समूह को काटने या कम करने पर आधारित होता है। जब वजन कम करने या अधिक स्वस्थ्य खाना खाने की कोशिश की जाती है तो लोग के दिमाग में यह बात घर कर जाती है कि वे क्या नहीं खा सकते हैं। प्रतिबंधात्मक दृष्टिकोण आम तौर पर अभाव की भावनाओं की ओर जाता है। इसके बजाय सभी स्वास्थ्यप्रद, स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों की एक सूची बनाई जाए, जिसका आप खाने में आनंद लेते हैं और अधिक खाना चाहते हैं।
आपका फोकस पौष्टिक विकल्पों पर लगाकर आप स्वाभाविक रूप से भविष्य के बारे में अधिक सकारात्मक महसूस करेंगे और आपके भोजन के विकल्प के बारे में स्थायी रूप से बदलने के बारे में सोचेंगे।
2. यह साझा करना कि आपके साथ क्या अच्छा हो रहा है
यह सोचना कि हम कितने मोटे हैं या दुखी हैं, इस पर ध्यान केंद्रित करना आसान है। जब हम सकारात्मक कदम उठाते हैं तो हम खुद को बधाई देने की अनुमति शायद ही कभी देते हैं। इस पर ध्यान लगाने की जरूरत होती है कि हम क्या अच्छा कर रहे हैं। क्या आप एक स्वस्थ तरीके से दोपहर के भोजन का आनंद ले रहे हैं। इससे पहले कि आप दिन में तेज चाल के लिए जाते हैं या नहीं। इस पर भी ध्यान दें कि आपके पास रात को पहले से अधिक ऊर्जा है या नहीं।
अगले सप्ताह में दिन के समाप्त होने पर यह लिखना कि तीन ऐसी चीजों के बारे में लिखना, जो अच्छी हो रही हैं। एक अध्यययन से यह पता चलता है कि इस प्रयास से छह महीने बाद आपकी खुशी बढ़ जाती है। आप किसी प्रियजन की टिप्पणियों को साझा करने या दूसरों को प्रेरित करने के लिए सोशल मीडिया पर अपने विचार पोस्ट करने का विकल्प भी चुनते हैं।
3. तनाव खत्म करने के लिए आशावादी बनें
हम सभी के पास ऐसा समय आता है कि आशा बंधाए रखने के लिए हम कोई काम नहीं करते हैं। यहां तक कि हर बार अपने आपको हराने के लिए जब हम एक केक खाते हैं या ज्यादा बिस्कुट लेते हैं, इसका मतलब है कि हमें ज्यादा चिंता हो रही है और खास प्रकार के खाद्य पदार्थ के खाने को लेकर घबराहट हो रही है।
तनाव में वृद्धि के कारण कैलोरी की संख्या में बढ़ोतरी या आहार के कारण बना तनाव आपके शरीर में तनाव का हार्मोन कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ा सकता है, जोकि भूख में वृद्धि, चीनी और वसा के लिए भूख और वजन बढ़ाने के साथ जुड़ा हुआ है।
क्यों मनाया जाता है विश्व स्वास्थ्य दिवस
हर साल सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं तक ज्यादा से ज्यादा लोगों की पहुंचना है। सात अप्रैल 1948 को डब्लूएचओ (World Health Organisation) की स्थापना हुई थी। इसके दो साल बाद 1950 से हर वर्ष स्वास्थ्य दिवस मनाया जाने लगा। इस दिवस को मनाने मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करना है।
इस बार विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम हर व्यक्ति को हर जगह स्वास्थ्य सुविधा मिले है। डब्ल्यूएचओ ने इस साल स्वास्थ्य दिवस पर थीम रखी है-यूनिवर्सल थीम हेल्थ कवरेज : एवरीवन, एवरीवेयर। यानि सभी वर्ग के लोगों को बिना किसी वित्तीय कठिनाई के बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिले।
भारत की स्थिति चिंताजनक
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार तीन वर्ष की अवस्था वाले 3.88 प्रतिशत बच्चों का विकास अपनी उम्र के हिसाब से नहीं हो सका है और 46 प्रतिशत बच्चे अपनी अवस्था की तुलना में कम वजन के हैं जबकि 79.2 प्रतिशत बच्चे एनीमिया रक्ताल्पता से पीडि़त हैं। गर्भवती महिलाओं में एनीमिया 50 से 58 प्रतिशत बढ़ा है। कहा जाता है कि बेहतर स्वास्थ्य से आयु बढ़ती है। इंडिया हेल्थ रिपोर्ट 2010 के मुताबिक सार्वजनिक स्वास्थ्य की सेवाएं अभी भी पूरी तरह से मुफ्त नहीं हैं और जो हैं उनकी हालत अच्छी नहीं है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रशिक्षित लोगों की काफी कमी है। अस्पतालों में बिस्तर की उपलब्धता भी काफी कम है। केवल 28 प्रतिशत लोग ही बेहतर साफ-सफाई का ध्यान रखते हैं।

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