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    International Tiger Day 2019: सुपर मॉम 'कॉलरवाली' बाघिन ने 11 साल में दिए 29 बाघ

    By Sanjay PokhriyalEdited By:
    Updated: Mon, 29 Jul 2019 10:29 AM (IST)

    रणथंभौर की मशहूर ‘मछली’ बाघिन की 20 साल की उम्र में मौत के बाद देश और दुनिया के बाघ प्रेमियों की नजरें पेंच की ‘कॉलरवाली’ बाघिन पर टिकी हैं।

    International Tiger Day 2019: सुपर मॉम 'कॉलरवाली' बाघिन ने 11 साल में दिए 29 बाघ

    संजय अग्रवाल, सिवनी। दुनिया में घटती बाघों की आबादी भले ही चिंता का विषय हो, लेकिन मध्य प्रदेश का पेंच नेशनल पार्क इसका अपवाद है। पेंच नेशनल पार्क में 2011 में बाघों की संख्या घटकर 25 रह गई थी। पिछले आठ साल में यहां वयस्क बाघों की संख्या बढ़कर दोगुनी हो गई है। यहां 14 ब्रीडिंग बाघिन की मौजूदगी है, जिनके शावकों से पेंच का जंगल गुलजार हो रहा है। सबसे ज्यादा शावकों को जन्म देने वाली पेंच नेशनल पार्क की सुपर मॉम ‘कॉलरवाली’ बाघिन ने 11 साल में 29 बाघों को जन्म देकर कीर्तिमान बनाया है। रणथंभौर की मशहूर ‘मछली’ बाघिन की 20 साल की उम्र में मौत के बाद देश और दुनिया के बाघ प्रेमियों की नजरें पेंच की ‘कॉलरवाली’ बाघिन पर टिकी हैं।

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    उम्र के 14वें साल में पहुंचने के बावजूद पूरी तरह स्वस्थ ‘सुपर मॉम’ बाघिन की चहलकदमी कम नहीं हुई है जबकि बाघ- बाघिन की औसत उम्र 15 वर्ष मानी जाती है। नन्हे शावकों को ताकतवर नर बाघ से बचाकर वयस्क होने तक उनकी देखभाल करने वाली कॉलरवाली बाघिन को वन्यजीव विशेषज्ञ भरोसेमंद ‘मां’ मानते हैं। कॉलरवाली बाघिन को ‘पेंच की क्वीन’ के नाम से भी जाना जाता है। 25 में से 21 शावक वयस्क होने तक इस बाघिन के साथ रहे हैं। दिसंबर 2018 में आठवीं बार जन्में 4 शावक बाघिन के साथ रह रहे है। 

    फैक्ट फाइल

    • कॉलरवाली बाघिन का जन्म 2005 में चार शावकों के साथ हुआ।
    • मार्च 2008 में बाघिन को कॉलर लगाया गया, जिससे यह नाम पड़ा।
    • 25 मई 2008 को तीन शावकों को जन्म दिया, जो जीवित नहीं रह पाए।
    • 10 अक्टूबर 2008 को जन्मे चार शावकों में तीन नर व एक मादा जीवित।
    • 5 अक्टूबर 2010 को जन्मे पांच शावकों में एक नर और चार मादा जीवित।
    • 15 मई 2012 को जन्मे तीन शावकों में एक नर व दो मादा शामिल। एक की कुछ दिनों बाद मौत हो गई।
    • 16 अक्टूबर 2013 को जन्मे तीन शावकों में सभी नर युवावस्था तक जीवित।
    • 6 अप्रैल 2015 को जन्मे चार शावकों में दो नर और दो मादा जीवित।
    • जनवरी 2017 में जन्मे तीन शावकों में सभी जीवित।
    • दिसंबर 2018 में जन्मे चार शावक बाघिन के साथ बने हुए हैं।

    (पेंच प्रबंधन के रिकॉर्ड अनुसार)

    पेंच में 14 ब्रीडिंग बाघिन मौजूद हैं, जो पार्क में बाघों की संख्या लगातार बढ़ा रही हैं। 29 शावकों को जन्म देने का रिकॉर्ड बना चुकी ‘कॉलरवाली’ बाघिन, वन्यजीव प्रेमियों व विशेषज्ञों में मशहूर है।

    - विक्रम सिंह परिहार, फील्ड डायरेक्टर, पेंच

    नेशनल पार्क, सिवनी

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