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    World Blood Donor Day : एक हादसा और उदय ने 145 जिंदगियों से जोड़ा खून का रिश्ता

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Sat, 13 Jun 2020 11:20 PM (IST)

    भोपाल के उदय गारे के साथ 18 साल की उम्र एक वाकया ऐसा हुआ कि उन्‍होंने अपने जीने के मकसद को बदल दिया। आज उनका रिश्‍ता 145 अनजान जिंदगियों से हो चुका है ...और पढ़ें

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    World Blood Donor Day : एक हादसा और उदय ने 145 जिंदगियों से जोड़ा खून का रिश्ता

    भोपाल, जेएनएन। आपकी छोटी सी नेक पहल किसी को जिंदगी दे सकती है। इस बात का भान भोपाल के उदय गारे को 18 साल की उम्र में तब हुआ जब नागपुर में एक सड़क हादसे में घायल व्यक्ति की मौत इसलिए हो गई थी क्योंकि उसे फौरन खून नहीं मिला। इस घटना ने उदय को झकझोर दिया। इसके बाद खुद रक्तदान करना और दूसरों को इसके लिए प्रेरित करना उनकी जिंदगी का मकसद बन गया। उदय अब तक 139 बार खून और छह बार प्लाज्मा दान कर चुके हैं। वह कहते हैं रिकॉर्ड बनाना उनका मकसद नहीं, बल्कि मानवता की सेवा करना है।

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    53 वर्षीय उदय मूलत: व्यवसायी हैं। वह कहते हैं कि साल 1985 में एक रिश्तेदार के यहां नागपुर गए थे। काम से कहीं जा रहा था तभी सड़क हादसे में एक व्यक्ति घायल हो गया। कुछ लोग घायल को लेकर अस्पताल पहुंचे। पीछे-पीछे मैं भी पहुंच गया। बाद में डॉक्टरों ने बताया कि घायल शख्‍स इसलिए नहीं बताचा जा सका क्‍योंकि उसको फौरन खून नहीं मिल सका था। उदय कहते हैं कि इस घटना के बाद मुझे रक्तदान की अहमियत समझ आई। मैंने साल 1985 से वर्ष 2000 तक हर साल पांच से छह बार रक्तदान किया है।

    भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में ब्लड बैंक की इंचार्ज डॉ. सीमा नवेद खान कहती हैं कि उदय गारे से सभी लोगों को प्रेरणा लेना चाहिए। वह खुद ब्लड बैंक आकर रक्तदान करते हैं। वह 139 बार रक्तदान कर चुके हैं। हमने उन्हें सम्मानित भी किया था। रक्तदान में महिलाओं की भागीदारी 10 फीसद भी नहीं है। उनको भी रक्तदान करने के लिए आगे आना चाहिए।

    उदय कहते हैं कि नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गनाइजेशन (नाको) ने एक बार रक्तदान के बाद तीन महीने से पहले रक्तदान नहीं करने की गाइडलाइन जारी की। अब मैं साल में चार बार रक्तदान कर रहा हूं। भोपाल ही नहीं दिल्ली, नागपुर, छिंदवाड़ा समेत अन्य शहरों में व्यवसाय के सिलसिले में गया तो वहां भी रक्तदान किया। उदय से प्रेरित होकर उनकी पत्नी भारती गारे, बेटा उत्कर्ष गारे भी 10 से 12 बार रक्तदान कर चुके हैं। उदय गारे ने 37 दोस्तों के साथ मिलकर 1987 में रक्तदान के लिए एक समूह भी बनाया था। इस समूह के आठ लोग भोपाल में हैं जो 10 से 12 बार रक्तदान कर चुके हैं।