30 जून को क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड एस्टेरॉयड डे? 117 साल पहले रूस में मची तबाही से है कनेक्शन
World Asteroid Day दिंसबर 2016 को संयुक्त राष्ट्र ने 30 जून को वर्ल्ड एस्टेरॉयड डे घोषित किया था। मगर क्या आप इस दिन के इतिहास से वाकिफ हैं? 30 जून वही तारीख है जब धरती पर एस्टेरॉय का सबसे बड़ा धमाका देखने को मिला था। रूस के साइबेरिया में गिरे एक एस्टेरॉयड ने 2000 स्क्वायर किलोमीटर का जंगल जलाकर राख कर दिया था।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 30 जून 1908 को रूस के साइबेरिया (Asteroid in Siberia) में एक ऐसी घटना हुई, जिसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया। साइबेरिया में एक बड़ा धमाका हुआ, जिससे 2,000 स्क्वायर किलोमीटर का जंगल जलकर राख हो गया। इस धमाके की आवाजी धरती दहल गई। धमाके की आवाज जापान के हिरोशिमा में गिरे परमाणु बम की तुलना में 185 गुना अधिक थी। मगर यह धमाका कैसे हुआ?
30 जून बना 'वर्ल्ड एस्टेरॉयड डे'
दरअसल यह एक एस्टेरॉयड गिरने की घटना थी। जी हां, वही एस्टेरॉयड जिसके बारे में आपने सिर्फ किताबों में पढ़ा होगा। धरती समेत अन्य ग्रहों के आसपास मौजूद एस्टेरॉयड कई बार धरती से टकरा चुके हैं। मगर 1908 में साइबेरिया में गिरा एस्टेरॉयड अब तक की सबसे भयानक घटना थी। यही वजह है कि इस दिन को 'वर्ल्ड एस्टेरॉयड डे' (World Asteroid Day) के रूप में मनाया जाता है।
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19 साल बाद पहुंचे वैज्ञानिक
1908 में एस्टेरॉयड गिरने के बाद भी 19 सालों तक वैज्ञानिक वहां नहीं जा सके। 1927 में साइबेरिया की उस जगह पर पहला वैज्ञानिक अभियान चलाया गया। 19 साल की देरी के बावजूद साइबेरिया की उस जगह पर एस्टेरॉयड के सबूत देखे जा सकते थे। एस्टेरॉयड से हुई तबाही का मंजर 19 साल के बाद भी काफी भयानक था।
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ScienceKonek joins the world in observing International Asteroid Day this June 30, as declared by the United Nations to raise awareness about asteroids, and the importance of global cooperation in protecting Earth… pic.twitter.com/WunTKP0RfL
— ScienceKonek (@sciencekonek) June 30, 2025
वर्ल्ड एस्टेरॉयड डे की 10वीं वर्षगांठ
संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर 2016 में 30 जून को विश्व एस्टेरॉयड दिवस घोषित कर दिया। इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुनिया में एस्टेरॉयड के प्रति जागरुकता फैलाना है, जिससे लोग भविष्य में होने वाले ऐसे हमलों के प्रति सतर्क रहें। इस बार वर्ल्ड एस्टेरॉयड डे की 10वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है।
2029 में फिर नजदीक से गुजरेगा एस्टेरॉयड
बता दें कि 2029 को संयुक्त राष्ट्र ने क्षुद्रग्रह जागरूकता और ग्रह रक्षा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष (International Year of Asteroid Awareness and Planetary Defence) घोषित किया है। दरअसल 2029 में सालों बाद एक एस्टेरॉयड धरती के बेहद नजदीक से गुजरेगा। वैज्ञानिकों ने इसे अपोफिस (Apophis) का नाम दिया है। वैज्ञानिकों के अनुसार, अपोफिस धरती से महज 32,000 किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा। यह दूरी स्पेस में लॉन्च की जाने वाली कई सैटेलाइट से भी कम है। यूरोप, अफ्रीका और पश्चिम एशिया में लोग इसे सामान्य आंखों से भी देख सकेंगे।
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