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    Women Reservation Bill: 'क्या बिल पर आम सहमति बनी?': महिला आरक्षण बिल पर केंद्र से DMK नेता कनिमोझी का सवाल

    Women Reservation Bill महिला आरक्षण विधेयक को लेकर डीएमके नेता कनिमोझी ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि महिला आरक्षण विधेयक आरक्षण के बारे में नहीं है बल्कि पूर्वाग्रह और अन्याय को दूर करने का कार्य है। उन्होंने कहा कि महिलाएं बराबरी का सम्मान चाहती हैं। उन्होंने कहा हमें इस विधेयक को लागू होते देखने के लिए कब तक इंतजार करना चाहिए?

    By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Wed, 20 Sep 2023 01:51 PM (IST)
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    महिला आरक्षण विधेयक पूर्वाग्रह और अन्याय को दूर करने के लिए है: DMK नेता कनिमोझी

    नई दिल्ली, एजेंसी। Women Reservation Bill: महिला आरक्षण विधेयक को लेकर बहस छिड़ी हुई है। वहीं, अब डीएमके नेता कनिमोझी ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि महिला आरक्षण विधेयक (Women Reservation Bill) आरक्षण के बारे में नहीं है, बल्कि पूर्वाग्रह और अन्याय को दूर करने का कार्य है। उन्होंने कहा कि महिलाएं बराबरी का सम्मान चाहती हैं।

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    ये विधेयक जनगणना के बाद ही होगा लागू- कनिमोझी

    संवैधानिक संशोधन विधेयक 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' (Nari Shakti Vandan Adhiniyam) पर चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि विधेयक में 'परिसीमन के बाद' (after delimitation) से संबंधित खंड को हटा दिया जाना चाहिए क्योंकि महिलाओं के लिए आरक्षण के कार्यान्वयन में अत्यधिक देरी हो सकती है।

    विधेयक में प्रस्तावित लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण जनगणना और परिसीमन प्रक्रिया के बाद ही लागू होगा।

    इस विधेयक को लागू होते देखने के लिए कितना इंतजार करना होगा?- कनिमोझी

    उन्होंने कहा, हमें इस विधेयक को लागू होते देखने के लिए कब तक इंतजार करना चाहिए? इसे आने वाले संसदीय चुनावों में आसानी से लागू किया जा सकता है। आपको यह समझना चाहिए कि यह विधेयक आरक्षण नहीं है बल्कि पूर्वाग्रह और अन्याय को दूर करने का एक अधिनियम है।

    उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रतीकवाद की राजनीति (politics of tokenism) को विचारों की राजनीति में विकसित होना चाहिए।

    महिलाओं का समान रूप से सम्मान- कनिमोझी

    उन्होंने कहा, इस बिल को 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' कहा जाता है। हमें सलाम करना बंद करो। हम सलाम नहीं चाहते, हम नहीं चाहते कि हमें आसन पर बिठाया जाए, हम नहीं चाहते कि हमारी पूजा की जाए... हम चाहते हैं कि हमारा समान रूप से सम्मान किया जाए।

    इसके अलावा, कनिमोझी ने कहा कि उन्हें यह स्वीकार करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता एक बहुत मजबूत महिला थीं। जयललिता तमिलनाडु में डीएमके की प्रतिद्वंद्वी एआईएडीएमके की नेता थीं।

    महिला आरक्षण विधेयक, जिसे नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम दिया गया है और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा निचले सदन में पेश किया गया है, परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही लागू होगा और इसलिए, 2024 में लोकसभा चुनावों (Lok Sabha elections in 2024) के दौरान इसके लागू होने की संभावना नहीं है।

    मंगलवार को निचले सदन में पेश किया गया यह विधेयक नए संसद भवन में पेश किया गया पहला विधेयक भी है।

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