कर्नाटक में मंदिर से लौट रही महिला से बस में सामूहिक दुष्कर्म, बच्चों के सामने हैवानों ने की दरिंदगी
कर्नाटक के दावनगेरे में एक महिला के साथ उसके दो बच्चों के सामने बस में सामूहिक दुष्कर्म किया गया। आरोपी बस ड्राइवर कंडक्टर और हेल्पर ने चन्नापुरा गांव के पास सुनसान इलाके में घटना को अंजाम दिया। ग्रामीणों की मदद से पीड़िता को बचाया गया लेकिन स्थानीय पुलिस ने मामले को दबाने की कोशिश की। विजयनगर के एसपी के हस्तक्षेप से तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है।

आईएएनएस, दावनगेरे। कांग्रेस शासित कर्नाटक में अपराधों ने जोर पकड़ लिया है। राज्य के दावनगेरे जिले में एक निजी बस में एक महिला से उसके दो बेटों के सामने सामूहिक दुष्कर्म किया गया। पीड़ित महिला अपने बच्चों के साथ हरपनहल्ली स्थित प्रसिद्ध उच्छांगीदुर्गा मंदिर से देवी के दर्शन करके बस से लौट रही थी।
इस घृणित अपराध में आरोपित बस के ड्राइवर, कंडक्टर और हेल्पर को गिरफ्तार कर लिया गया है। कर्नाटक के दावनगेरे शहर के पास स्थित गांव चन्नापुरा पहुंचने पर इस अपराध को अंजाम दिया गया।
धार्मिक उत्सव में शामिल होने गई थी पीड़िता
आरोप है कि स्थानीय पुलिस ने इस मामले को रफादफा करने की कोशिश की लेकिन विजयनगर के पुलिस अधीक्षक श्रीहरि बाबू बीएल ने इस मामले में दखल देकर कार्रवाई की। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार पीड़िता विजयनगर जिले की रहने वाली है और उच्छांगीदुर्गा मंदिर के एक धार्मिक उत्सव में शामिल होने अपने दो बच्चों के साथ वहां 31 मार्च को गई थी।
वापसी में देरी होने के चलते उसने उच्छांगीदुर्गा से दावनगेरे जानेवाली बस पकड़ ली। उस समय बस में सात-आठ यात्री बैठे हुए थे। जब सभी यात्री बस से उतर गए तो बस में सवार आरोपितों ड्राइवर प्रकाश मादिवलारा, कंडक्टर सुरेश और हेल्पर राजशेखर ने इस अपराध को महिला के दो बेटों के सामने ही अंजाम दिया।
अपराध को ऐसे दिया गया अंजाम
सूत्रों का कहना है कि ड्राइवर बस को चन्नापुरा के पास एक सुनसान इलाके में ले गया और बच्चों के मुंह में कपड़ा ठूंसकर उनके हाथ बांध दिए। उसके बाद उन बच्चों की आंखों के सामने ही उनकी मां से सामूहिक दुष्कर्म किया। लेकिन शोरगुल सुनकर वहां आसपास के इलाके में खेतों में काम कर रहे किसान पीडि़ता और बच्चों को बचाने पहुंचे। सूत्रों का कहना है कि एक आरोपित के खिलाफ पहले से ही सात मामले दर्ज हैं।
मदद करने वाले किसानों और ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय पुलिस ने महिला से सादे कागज पर अंगूठा लगवा लिया और उसे दो हजार रुपये देकर नए कपड़े खरीदने को कहा। साथ ही उन्होंने महिला को अपना मुंह बंद रखने की भी धमकी दी, वरना उसकी जिंदगी और मुश्किल हो जाएगी।
उन्होंने महिला को बच्चों समेत वापस उसी मंदिर में छोड़ दिया। वह एक रात मंदिर परिसर में ही रही। उधर पुलिस ने आरोपितों को भी छोड़ दिया। लेकिन जब स्थानीय दलित नेता को इस बारे में पता चला तो उन्होंने पीड़ित महिला और उसके बेटों के बारे में विजयनगर के एसपी श्रीहरि बाबू को बताया। उसके बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
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