आकाश से मिली माओवादी हिंसा के विरुद्ध जीत की कुंजी, इसरो के सैटेलाइट ने निभाई अहम भूमिका
बस्तर के घने जंगलों में माओवादियों हिंसा के विरुद्ध लंबे समय से चल रहे अभियान को नई धार मिली है। इसरो की अत्याधुनिक तकनीक और राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) की सक्रिय भूमिका ने सुरक्षा बलों को निर्णायक बढ़त दिलाई है। वहीं इसरो द्वारा विकसित कार्टोसैट रिसैट और ईएमआइसैट जैसे उपग्रहों से एनटीआरओ को सटीक और महत्वपूर्ण इमेजरी मिलती है।

जेएनएन, जगदलपुर। बस्तर के घने जंगलों में माओवादियों हिंसा के विरुद्ध लंबे समय से चल रहे अभियान को नई धार मिली है। इसरो की अत्याधुनिक तकनीक और राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) की सक्रिय भूमिका ने सुरक्षा बलों को निर्णायक बढ़त दिलाई है।
छत्तीसगढ़ में 420 से अधिक माओवादियों मारे गए
इसरो द्वारा विकसित कार्टोसैट, रिसैट और ईएमआइसैट जैसे उपग्रहों से एनटीआरओ को सटीक और महत्वपूर्ण इमेजरी मिलती है। इस उपग्रह इमेजरी को ड्रोन निगरानी के साथ मिलाकर सुरक्षा बलों तक खुफिया जानकारी पहुंचाई जाती है।
इस सटीक इनपुट से पिछले दो वर्षों में छत्तीसगढ़ में 420 से अधिक माओवादियों को मार गिराया गया है, जिनमें अधिकांश बस्तर क्षेत्र के थे। उपग्रह इमेजरी और थर्मल मैपिंग से माओवादी ठिकानों के गुप्त रास्तों की पहचान करने में मदद मिली है। इससे अब उनके लिए कहीं भी छिपना सुरक्षित नहीं रहा।
बस्तर में कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं
ड्रोन और सैटेलाइट से मिली रियल टाइम जानकारी ने मुठभेड़ों के दौरान जवानों को बिना नुकसान उठाए निर्णायक बढ़त दिलाई है। आइजीपी बस्तर सुंदराज पी. ने बताया कि माओवादियों के विरुद्ध अभियान में फोर्स को एनटीआरओ के सैटेलाइट से मिलने वाली लाइव सूचनाओं से सहायता मिल रही है। इससे माओवादियों के लिए बस्तर में कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं रह गया है।
लगातार मिल रही सफलता
एंएनटीआरओ के सैटेलाइट और ड्रोन की सहायता से सुरक्षा बलों ने 21 मई को माओवादी प्रमुख बसवराजू समेत 29 माओवादियों को ढेर किया। मई में कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर 21 दिन चले अभियान में 31 माओवादी मारे गए। 20 मार्च को बीजापुर और कांकेर में 30 माओवादी मारे गए।
नौ फरवरी को बीजापुर में 31 माओवादी ढेर किए गए। वहीं 16 जनवरी को बीजापुर में 18 और 21 जनवरी को गरियाबंद में 16 माओवादी मारे गए थे। इससे पहले 2024 में भी चार अक्टूबर को दंतेवाड़ा में 38 और 16 अप्रैल को कांकेर के छोटेबेठिया में 29 माओवादी मारे गए।
इसरो बना जंगलों का भी संरक्षक, 1800 एकड़ वनभूमि अतिक्रमण से मुक्त
छत्तीसगढ़ में उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व (यूएसटीआर) में वन विभाग को भी इसरो की सहायता से 1,800 एकड़ से अधिक वनभूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने में सफलता मिली है। पिछले दो दशकों से अतिक्रमण का सामना कर रहे इस क्षेत्र में इसरो की सैटेलाइट तस्वीरों और ड्रोन मैपिंग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
तस्वीरों का मिलान 2022 में ड्रोन मैपिंग से किया गया
यूएसटीआर के उप निदेशक वरुण जैन की पहल पर इसरो के हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र से 2006-2010 की तस्वीरें प्राप्त की गईं। इन तस्वीरों का मिलान 2022 में ड्रोन मैपिंग से किया गया। इससे स्पष्ट हुआ कि 2012 के बाद बड़े पैमाने पर वनों की कटाई हुई है। पता चला कि वन भूमि पर सभी अवैध बस्तियां 2008 के बाद ही अस्तित्व में आईं।
जैन ने वन विभाग ने अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाकर इस क्षेत्र में बसी सात प्रमुख बस्तियों और 300 से अधिक कथित अतिक्रमणकारियों को बेदखल किया।.
चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता
इसलिए मनाते हैं राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता और इसरो की स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 2025 का विषय है आर्यभट्ट से गगनयान: प्राचीन ज्ञान से अनंत संभावनाओं तक, जो भारत की खगोल-वैज्ञानिक परंपरा, अंतरिक्ष क्षमताओं और भविष्य की संभावनाओं को दर्शाता है।
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