मौसम ने मारी पलटी… दिल्ली में तेज बारिश और यूपी में गिरे ओले; पहाड़ों पर बर्फबारी; IMD ने जारी किया अपडेट
उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में लगातार हो रही बर्फबारी के कारण कर्फ्यू जैसी स्थित हो गई है। बर्फबारी के चलते कई मार्ग बंद हो गए हैं। सड़कों पर कई किमी तक बर्फ ही बर्फ पसरी हुई है। जिससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शनिवार को भी मौसम विभाग ने पूरे दिन भारी बर्फबारी की चेतावनी जारी की है। दिल्ली में तेज बारिश ने मौसम बदल दिया और ठंड बढ़ गई।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में करीब नौ बजे तेज बारिश ने मौसम बदल दिया और ठंड बढ़ गई, अभी भी दिल्ली के कई इलाकों में बारिश हो रही है। इसके साथ ही यूपी के अलीगढ़ और आगरा समेत कई जिलों में तेज बारिश के साथ ओले गिरे जिसकी वजह से ठंड बढ़ गई है।
पहाड़ों पर बर्फ का गिरना जारी
उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में लगातार हो रही बर्फबारी के कारण कर्फ्यू जैसी स्थित हो गई है। बर्फबारी के चलते कई मार्ग बंद हो गए हैं। सड़कों पर कई किमी तक बर्फ ही बर्फ पसरी हुई है। जिससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शनिवार को भी मौसम विभाग ने पूरे दिन भारी बर्फबारी की चेतावनी जारी की है।
मार्च से मई तक देश के बड़े हिस्से में प्रचंड गर्मी पड़ेगी
प्रशांत महासागर में ला-नीना की सक्रियता का असर दिखने लगा है। इस बार मौसम बहुत अव्यवस्थित है। आगे भी रह सकता है। सामान्य ठंड के बाद अब असामान्य गर्मी के लिए तैयार रहना होगा। मार्च से मई तक देश के बड़े हिस्से में प्रचंड गर्मी पड़ सकती है।
आइएमडी ने जारी किया अगले तीन महीने का मौसम पूर्वानुमान
भारत मौसम विभाग (आइएमडी) ने शुक्रवार को अगले तीन महीने का अनुमान जारी करते हुए कहा है कि गर्मी के मौसम में इस बार सामान्य से अधिक तापमान रह सकता है। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में दिन के समय हीट वेव (लू) भी चल सकती है।
साथ ही लू चलने के दिन पिछले कुछ वर्षों की तुलना में अधिक रह सकते हैं। तापमान में तीव्रता मार्च के दूसरे सप्ताह से शुरू हो सकती है। ऐसी स्थिति में रबी एवं गर्मा फसलों को नुकसान हो सकता है।
#WATCH | Delhi: Rain lashes several parts of the National Capital.
— ANI (@ANI) March 1, 2025
(Visuals from Central Secretariat) pic.twitter.com/8MajN4O8tD
आइएमडी ने मौसम में इस व्यापक बदलाव को ला-नीना का असर बताया है, जो प्रशांत महासागर के सतही जल के सामान्य से ज्यादा गर्म हो जाने के चलते बनता है और भारतीय महाद्वीप के मौसम को गहरे रूप से प्रभावित करता है। ला-नीना के चलते ही इस बार दिसंबर-जनवरी में ठंड भी ज्यादा नहीं पड़ी। फरवरी के पहले हफ्ते से ही मौसम ने करवट ले ली है और अप्रत्याशित रूप से तापमान बढ़ना शुरू हो गया।
मौसम विज्ञानियों ने वर्ष 2024 को सबसे ज्यादा गर्म बताया है
मौसम विज्ञानियों ने वर्ष 2024 को सबसे ज्यादा गर्म बताया है। पिछले तीन-चार महीने के दौरान तापमान में उतार-चढ़ाव के साथ वृद्धि बता रही है कि इस वर्ष भी स्थिति कुछ अलग नहीं रह सकती है। सिर्फ उत्तर के पहाड़ी क्षेत्रों, दक्षिण के कुछ हिस्सों और पूर्वोत्तर के क्षेत्र में सामान्य तापमान रहने का अनुमान है, क्योंकि इन हिस्सों में कभी-कभी बारिश होते रहने के कारण तापमान नियंत्रित रह सकता है।
आइएमडी ने जिन क्षेत्रों में तापमान अधिक रहने की आशंका जताई है, उनमें एनसीआर, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा और तेलंगाना शामिल हैं। हालांकि मौसम विज्ञानियों का मानना है कि मार्च के पहले हफ्ते में एक पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के चलते तापमान नियंत्रित रह सकता है, लेकिन दूसरे हफ्ते से ही न्यूनतम एवं अधिकतम तापमान का ग्राफ बढ़ना शुरू हो जाएगा।
हीट वेब करेगी परेशान
लू की स्थिति के बारे में मौसम विज्ञानियों का मानना है कि अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न पैमाना होता है। मैदानी क्षेत्रों का अधिकतम तापमान अगर 44-45 डिग्री या उससे अधिक हो जाए या उस क्षेत्र के सामान्य तापमान से लगभग पांच-छह डिग्री से ज्यादा ऊपर चला जाए और तीन दिनों तक लगातार ऐसी स्थिति बनी रहे तो उसे हीट वेव माना जाता है। पहाड़ी क्षेत्रों का पैमाना अलग होता है, वहां 30 डिग्री से अधिक तापमान के ही दो-तीन तक स्थिर रहने पर हीट वेव मान लिया जाता है।
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