क्या भारत-पाकिस्तान में होगी शांति? इन दो शक्तिशाली मुस्लिम देशों ने की मध्यस्ता की पहल
भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता में सबसे आगे सऊदी अरब है जिसकी आधिकारिक यात्रा पर जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी थे तभी आतंकियों ने पर्यटकों पर कायराना हमला किया था। इसी तरह ईरान भी मध्यस्थता की कोशिश में है। ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अगरची ने एक्स पर लिखा भारत और पाकिस्तान हमारे बंधु पड़ोसी देश हैं। इनके साथ हमारे हजारों वर्ष के सांस्कृतिक और सभ्यता आधारित संबंध हैं।

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के सख्त तेवर और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया को देखते हुए दुनिया के कई देशों ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच मध्यस्थता की कोशिश शुरू कर दी है। मध्यस्थता में सबसे आगे सऊदी अरब है जिसकी आधिकारिक यात्रा पर जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी थे, तभी आतंकियों ने पर्यटकों पर कायराना हमला किया था।
प्रधानमंत्री मोदी यात्रा अधूरी छोड़कर भारत लौट आए थे। शुक्रवार को सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैजल बिन फरहान ने पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर और बाद में पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद ईशाक डार से टेलीफोन पर बात की। बताते हैं कि पहल सऊदी अरब की ओर से की गई है।
भारत व पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने अलग-अलग जानकारी दी है कि सऊदी विदेश मंत्री के साथ उनका मौजूदा हालात पर विमर्श हुआ है।
ईरान ने भारत-पाकिस्तान को लेकर क्या कहा?
इसी तरह ईरान भी मध्यस्थता की कोशिश में है। ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अगरची ने एक्स पर लिखा," भारत और पाकिस्तान हमारे बंधु पड़ोसी देश हैं। इनके साथ हमारे हजारों वर्ष के सांस्कृतिक और सभ्यता आधारित संबंध हैं। अन्य पड़ोसी मित्रों की तरह हम उन्हें सर्वाधिक प्राथमिकता देते हैं। तेहरान इस कठिन समय में इस्लामाबाद और नई दिल्ली स्थित अपने कार्यालयों के जरिये इनके बीच बेहतर समझबूझ बनाने को तैयार है।"
इस क्रम में उन्होंने फारसी शायर सादी की दो पंक्तियां लिखीं जिसका मतलब है,"सारे मानव एक हैं, एक ही गंध व आत्मा से निर्मित हैं, अगर एक व्यक्ति पीड़ा में होगा तो दूसरा भी परेशानी में रहेगा।
पहलगाम हमले पर ईरान पहले ही दुख जता चुका है। अगरची अगले कुछ दिनों में भारत आने की तैयारी में हैं।सऊदी अरब और ईरान पूर्व में भी भारत व पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करते रहे हैं। पहलगाम हमले के कुछ ही घंटे बाद सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस व प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के साथ प्रधानमंत्री मोदी की बैठक हुई थी। इसमें सऊदी अरब ने भारत को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था।
सऊदी अरब अमेरिका का भी अहम सहयोगी है और कई बार वह अमेरिका के इशारे पर भी दो देशों के बीच मध्यस्थता की कोशिश करता है। अभी रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता भी सऊदी अरब में ही कराई जा रही है। यह काम भी सऊदी अरब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए कर रहा है।
जयशंकर ने शुक्रवार देर शाम बताया कि उनकी सऊदी अरब के विदेश मंत्री से बात हुई है जिसमें पहलगाम आतंकी हमले व सीमापार आतंकवाद पर बात हुई है। जबकि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बताया कि उपप्रधानमंत्री व विदेश मंत्री डार ने एक दिन पहले नेशनल सिक्यूरिटी कमेटी की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बताया। पाकिस्तान ने सऊदी अरब को यह भी बताया है कि वह अपनी आत्मरक्षा में कड़े कदम उठाएगा। वैसे भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ रहे तनाव पर अमेरिका भी नजर रखे हुए है।
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