Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Supreme Court: धन विधेयक से जुड़े मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की पीठ करेगी विचार

    By AgencyEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Sat, 07 Oct 2023 12:38 AM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार अधिनियम जैसे कानूनों को धन विधेयक के तौर पर पारित कराने की वैधता के मुद्दे पर विचार करने के लिए वह सात जजों की पीठ गठित करेगा। इस फैसले का मकसद धन विधेयक से जुड़े विवाद का समाधान करना है। धन विधेयक ऐसा विधेयक होता है जिसे केवल लोकसभा में पेश किया जा सकता है। राज्यसभा इसमें संशोधन या अस्वीकार नहीं कर सकती।

    Hero Image
    सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की पीठ करेगी विचार (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि आधार अधिनियम जैसे कानूनों को धन विधेयक के तौर पर पारित कराने की वैधता के मुद्दे पर विचार करने के लिए वह सात जजों की पीठ गठित करेगा।

    इस फैसले का मकसद धन विधेयक से जुड़े विवाद का समाधान करना है, क्योंकि सरकार ने आधार विधेयक और यहां तक कि प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (PMLA) में संशोधनों को भी धन विधेयक के रूप में पेश किया था।जाहिर तौर पर इसका मकसद राज्यसभा को दरकिनार करना था, क्योंकि सरकार के पास उच्च सदन में बहुमत नहीं था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित बच्चों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र और राज्यों से मांगा जवाब

    धन विधेयक

    धन विधेयक ऐसा विधेयक होता है जिसे केवल लोकसभा में पेश किया जा सकता है। राज्यसभा इसमें संशोधन या अस्वीकार नहीं कर सकती। उच्च सदन केवल सिफारिशें कर सकता है जिन्हें निचला सदन स्वीकार कर भी सकता है और नहीं भी।

    प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि सात न्यायाधीशों की पीठ के सभी लंबित मामले प्रक्रियागत निर्देशों के लिए 12 अक्टूबर को सूचीबद्ध किए जाएंगे। इस मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए पीठ के समक्ष उल्लेख किया गया था।

    यह भी पढ़ें: क्या लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के जागने की है उम्मीद? ISRO के पूर्व चीफ ने दिया बड़ा अपडेट

    नवंबर 2019 में शीर्ष अदालत की पांच जजों की पीठ ने वित्त अधिनियम, 2017 को धन विधेयक के रूप में पारित करने की वैधता की जांच के मुद्दे को बड़ी पीठ के पास भेज दिया था। तब पांच जजों की पीठ ने वित्त अधिनियम का हिस्सा बनने वाले विभिन्न न्यायाधिकरणों के सदस्यों की नियुक्ति और सेवा शर्तों को नियंत्रित करने वाले नियमों को पूरी तरह से रद कर दिया था।