AFSPA: क्या असम से पूरी तरह हटेगा AFSPA? मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गृहमंत्री अमित शाह से की चर्चा
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया साइट एक्स (जिसे पहले ट्विटर कहा जाता था) पर लिखा असम से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम को पूरी तरह से वापस लेने के रोडमैप पर चर्चा करने के लिए मैंने आज माननीय केंद्रीय गृहमंत्री AmitShah जी से उनके आवास पर मुलाकात की। असम सरकार माननीय गृहमंत्री के सुझावों के आधार पर आगे कदम उठाएगी।

नई दिल्ली, एजेंसी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और गृहमंत्री अमित शाह ने मुलाकात की। दोनों नेताओं ने मिलकर राज्य से सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम को पूरी तरह से वापस लेने के रोडमैप पर चर्चा की है। सीएम सरमा ने कहा कि उनकी सरकार गृहमंत्री के सुझावों के आधार पर आगे कदम उठाएगी।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया साइट एक्स (जिसे पहले ट्विटर कहा जाता था) पर लिखा, "असम से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम को पूरी तरह से वापस लेने के रोडमैप पर चर्चा करने के लिए मैंने आज माननीय केंद्रीय गृहमंत्री @AmitShah जी से उनके आवास पर मुलाकात की। असम सरकार माननीय गृहमंत्री के सुझावों के आधार पर आगे कदम उठाएगी।"
विवादास्पद सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (एएफएसपीए) 1958 अशांत क्षेत्रों में काम करने वाले सशस्त्र बलों के कर्मियों को "सार्वजनिक व्यवस्था के रखरखाव" के लिए आवश्यक समझे जाने पर तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और गोली चलाने जैसी बड़ी शक्तियां देता है।
असम के कई जिलों में लगा हुआ है AFSPA
सशस्त्र बलों के संचालन को सुविधाजनक बनाने के लिए AFSPA के तहत किसी क्षेत्र या जिले को अशांत क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया जाता है। सशस्त्र बलों को दी गई इन शक्तियों के कारण, कई संगठनों ने इस अधिनियम को "कठोर" करार दिया है और इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
पूरे असम में अशांत क्षेत्र अधिसूचना 1990 लागू है और इसे केंद्र सरकार और अब राज्य सरकार द्वारा लंबी अवधि के लिए बढ़ा दिया गया है।
असम के इन जिलों में लागू है AFSPA
1 अप्रैल 2022 को, AFSPA के तहत लगाया गया अशांत क्षेत्र टैग, नौ जिलों को छोड़कर असम के सभी जिलों और जिलों के उपविभागों से हटा दिया गया था। तब से, यह उत्तर-पूर्वी राज्य के केवल आठ जिलों तक ही सीमित है।
AFSPA अब असम के तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराइदेव, शिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग और दिमा हसाओ जिलों में लागू है।
पिछले महीने गुवाहाटी में 77वें स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनकी सरकार इस साल के अंत तक पूरे राज्य से एएफएसपीए हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।
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