पत्नी म्यांमार की, पति बांग्लादेश का और ससुराल वाले भारतीय; बंगाल में SIR में सामने आई चौंकाने वाली जानकारी
पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण में चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। दक्षिण 24 परगना जिले में एक परिवार मिला जिसमें पत्नी म्यां ...और पढ़ें
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दो माह पहले म्यांमार से मिजोरम के रास्ते बंगाल पहुंचे पति-पत्नी (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) में आए दिन चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। इस कड़ी में कोलकाता से सटे दक्षिण 24 परगना जिले में एक ऐसे परिवार का पता चला है कि जिसमें पत्नी म्यांमार की रहने वाली है, पति बांग्लादेश का रहने वाला है और ससुराल वाले भारत के रहने वाले हैं।
एक ही परिवार के तीन सदस्य तीन अलग-अलग देशों के नागरिक हैं।सूत्रों के अनुसार, दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप के गणेशपुर में रहने वाली कृष्णा दास, जो पांच महीने की गर्भवती हैं। जब वह स्वास्थ्य कार्ड के लिए स्थानीय स्वास्थ्य उप-केंद्र में दस्तावेज सत्यापित करवाने के लिए गई। तभी पता चला कि वह म्यांमार की रहने वाली है।
कृष्णा का असली नाम आये तंडार है। उसने यहां अपना नाम कृष्णा दास रख लिया है। उसके पास म्यांमार का वोटर आइडी कार्ड है। कृष्णा के पति का नाम राम दास है। वह बांग्लादेश में व्यवसाय करता था। वह व्यापार के सिलसिले में नियमित रूप से म्यांमार जाता था।
कैसे हुई दोनों की शादी?
इस दौरान उसकी मुलाकात आये तंडार हुई और दोनों ने शादी कर ली। उसके बाद पति-पत्नी म्यांमार से सीमा पार करके मिजोरम आ गए। वहां से दो महीने पहले राम दाम अपनी पत्नी के साथ अपने माता-पिता के पास काकद्वीप पहुंचा। राम दास के पिता राजू दास और मां सुमति दास करीब 15 साल पहले सीमा पार करके काकद्वीप आ गए थे।
फिलहाल, वे गणेशपुर में एक किराए के घर में रहते हैं। उनके पास भारतीय वोटर और आधार कार्ड हैं। दोनों ने स्वीकार किया है कि उनकी बहू म्यांमार की रहने वाली है। उसके पुत्र के पास भी भारतीय पहचान पत्र नहीं है। इधर काकद्वीप के उप-विभागीय अधिकारी (एसडीओ) प्रीतम साहा ने कहा कि मैंने इस मामले के बारे में सुना है। कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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