'सिर्फ ऑनलाइन रेल टिकट वालों को ही बीमा क्यों', यात्रियों से भेदभाव को लेकर अदालत ने रेलवे से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे को रेल लाइन और रेलवे क्रासिंग की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश देते हुए यह टिप्पणी की है। जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि हमारा मानना है कि रेलवे का ध्यान पहले रेल लाइन और रेलवे क्रासिंग की सुरक्षा पर होना चाहिए, जिससे दूसरे पहलू सामने आएंगे।

पीठ ने रेलवे को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया (फोटो- पीटीआई)
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और रेलवे पूछा कि दुर्घटना बीमा कवर सिर्फ ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले यात्रियों को ही क्यों मिलता है, ऑफलाइन यानी खिड़की से टिकट खरीदने वालों को क्यों नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे को रेल लाइन और रेलवे क्रासिंग की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश देते हुए यह टिप्पणी की है। जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि हमारा मानना है कि रेलवे का ध्यान पहले रेल लाइन और रेलवे क्रासिंग की सुरक्षा पर होना चाहिए, जिससे दूसरे पहलू सामने आएंगे।
पीठ ने रेलवे में अलग-अलग सुरक्षा चिंताओं से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। इसके साथ ही, पीठ ने रेलवे को इन मुद्दों पर एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ऑनलाइन और ऑफलाइन टिकट खरीद के बीच बीमा कवर में अंतर के कारण के बारे में समक्ष प्राधिकार से निर्देश लेने और अदालत को अवगत कराने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी, 2026 को होगी।

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