कभी घबराहट में बयान तो कभी गीदड़भभकी, सिंधु जल समझौता निलंबित करने पर क्यों बिलबिला रहा पाकिस्तान?
सिंधु जल समझौते को भारत द्वारा निलंबित किए जाने से पाकिस्तान में हाहाकार मच गया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भारत को करारा जवाब देने की धमकी दी है। वहीं पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की कार्रवाई से डरा पाकिस्तान इसमें संलिप्तता से इनकार करते हुए तीसरे पक्ष से जांच कराने का प्रस्ताव कर रहा है।

नीलू रंजन, जागरण, नई दिल्ली। सिंधु जल समझौता निलंबित करने के भारत के फैसले से पाकिस्तान बिलबिला उठा है। शुक्रवार को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता व पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के सिंधु में या तो पानी बहेगा या फिर खून बहेगा की गीदड़ भभकी के बाद शनिवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भी पूरी ताकत से करारा जवाब देने का दंभ भरा है।
इसके साथ ही पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत की कार्रवाई से डरा पाकिस्तान इसमें संलिप्तता से पूरी तरह से इनकार करते हुए तीसरे पक्ष से जांच कराने का प्रस्ताव किया है। सिंधु जल समझौते के निलंबित करने से पाकिस्तान की ओर बह रहे पानी में भले ही तत्काल कोई फर्क नहीं पड़ा है। लेकिन आने वाले समय में इसके प्रभाव की कल्पना से ही पाकिस्तान कांप उठा है।
शाहबाज शरीफ ने सिंधु नदी को पाकिस्तान की जीवन रेखा बताया
शाहबाज शरीफ ने सिंधु नदी को पाकिस्तान की जीवन रेखा बताया है। आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान की 80 फीसद सिंचाई सिंधु और उसकी सहायक नदियों के पानी से होता है। जाहिर है इन नदियों के बहाव में जरा भी बदलाव पाकिस्तान के लिए घातक साबित होगा। पहले से आर्थिक संकट और खाद्य पदार्थों की महंगाई से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए नए संकट से निपटना संभव नहीं होगा।
भारत के एक्शन से पाकिस्तान में तिलमिलाहट
बिलावल भुट्टो के खून या पानी बहने की तिलमिलाहट को सिंध में पानी संकट से समझा जा सकता है। पाकिस्तान के पंजाब इलाके में सिंचाई की सुविधा बढ़ाने के लिए छह नहरों के निर्माण के खिलाफ पूरा सिंध पिछले हफ्ते बंद था और लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान सरकार ने इन नहरों के निर्माण का काम बंद कर दिया, उसके बाद ही धरना-प्रदर्शन बंद हुआ।
पाकिस्तान ने कहा किसी भी जांच के लिए वह तैयार
ध्यान देने की बात है कि शुक्रवार को गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर और जल संसाधन मंत्री सीआर पाटिल की बैठक हुई थी, जिसमें सिंधु जल समझौता निलंबित होने के बाद इसकी नदियों के पानी का भारत में इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए कई फैसले लिए गए। पाकिस्तान मिलिट्री एकेडमी में प्रशिक्षित कैडरों के पासिंग आउट पैरेड समारोह को संबोधित करते हुए शाहबाज शरीफ ने भारत की ओर से आक्रमण करने की किसी गलती का जवाब देने में पाकिस्तानी सेना को सक्षम बताते हुए उस पर भरोसा जताया।
समारोह में पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर भी उपस्थित थे। विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ के पहलगाम हमले में पाकिस्तान के किसी भी रूप में शामिल नहीं होने के दावे को दोहराते हुए शरीफ ने कहा कि वे इसकी किसी भी स्वतंत्र और निष्पक्ष एजेंसी से जांच के लिए तैयार हैं।
जब पाकिस्तान ने चला था यूएन वाला दांव
ध्यान देने की बात है कि 2008 में मुंबई हमले के बाद भारत में गुस्से और बदले की भावना के उबाल को शांत करने के लिए भी पाकिस्तान ने संयुक्त जांच का दांव चला था। लेकिन कसाब, डेविड कोलमैन हेडली से पूछताछ के आधार पर मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ भारत की ओर से भेजे गए डोजियर पर पाकिस्तान ने कोई कार्रवाई नहीं की। विभिन्न आतंकी हमलों की जांच के सिलसिले में भारत की ओर से भेजे गए 20 लेटर रोगेटरी (एलआर) का अभी तक जवाब नहीं मिला है। इसके साथ ही पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले की भारत-पाकिस्तान की संयुक्त जांच हुई थी।
पाकिस्तानी जांच दल भारत आया भी था, लेकिन उसका कोई परिणाम सामने नहीं आया। जाहिर है किसी भी निष्पक्ष और स्वतंत्र एजेंसी से जांच की शरीफ की मांग सिर्फ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बरगलाने और भारत की जवाबी कार्रवाई से बचने की कोशिश में रूप में देखा जा रहा है। एक तरफ पाकिस्तान पहलगाम हमले से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहा है, तो दूसरी ओर कश्मीर को अपनी गर्दन की अहम नस बताने से बाज नहीं आ रहा है।
जनरल मुनीर के इस मामले में दिये बयान को शाहबाज शरीफ ने फिर दोहराया। इसके साथ ही कश्मीरी लोगों को उनकी कथित लड़ाई में समर्थन जारी रखने का भी ऐलान किया। शरीफ ने भारत में मुसलमानों और सिखों के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए जनरल मुनीर के मुसलमानों को हिंदुओं से बिल्कुल अलग होने के बयान का समर्थन किया। दरअसल, आंतरिक विघटन से गुजर रहे पाकिस्तान को कश्मीर और मुस्लिम पहचान एकमात्र उपाय नजर आ रहा है।
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