Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    किसान दिवस 2021: 2001 से हर साल मनाया जा रहा है किसान दिवस, जानें इसके बारे में सबकुछ

    By Manish PandeyEdited By:
    Updated: Thu, 23 Dec 2021 03:05 PM (IST)

    National Farmars Day 2021 किसान दिवस 2021 राष्ट्रीय किसान दिवस 23 दिसंबर को भारत के पांचवें प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में पूरे देश में मनाया जाता है। चौधरी चरण सिंह ने ही कृषि क्षेत्र में कुछ सबसे उल्लेखनीय सुधार किए।

    Hero Image
    2001 से हर साल मनाया जा रहा है किसान दिवस

    नई दिल्ली, एजेंसी। भारत में 23 दिसंबर के दिन को किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म हुआ था, जिन्होंने किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई नीतियों की शुरुआत की थी। भारत सरकार ने वर्ष 2001 में चौधरी चरण सिंह के सम्मान में हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था। उन्होंने 1979 और 1980 के बीच प्रधानमंत्री के पद पर कार्य किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके अलावा, यह दिन भारतीय किसानों के योगदान के सम्मान में और देश में उनके महत्व को गौरवान्वित करने के लिए मनाया जाता है। इस वर्ष, तीन विवादास्पद कृषि कानूनों की वापसी की पृष्ठभूमि में यह दिवस मनाया जा रहा है। चौधरी चरण सिंह के कारण ही देश में जमींदारी प्रथा खत्म हुई थी। वो देश के जानेमाने किसान नेता थे, जिनका राष्‍ट्रीय राजनीति में अहम योगदान रहा है।

    चौधरी चरण सिंह द्वारा तैयार किया गया जमींदारी उन्मूलन विधेयक राज्य के कल्याणकारी सिद्धांत पर आधारित था। इसके कारण ही उत्तर प्रदेश में एक जुलाई 1952 को जमींदारी प्रथा खत्‍म हुई थी और गरीबों को उनका अधिकार मिला था। चौधरा चरण सिंह ने 1954 में किसानों के लिए उत्तर प्रदेश भूमि संरक्षण कानून को पारित कराया और तीन अप्रैल 1967 को वो यूपी के सीएम बने। इसके बाद उन्होंने 17 अप्रैल 1968 को पद से इस्तीफा दे दिया था और राज्‍य में दोबारा चुनाव करवाए गए। इन चुनावों में उन्‍हें जीत हासिल हुई और वो दोबारा 17 फरवरी 1970 को प्रदेश के सीएम बने।

    चौधरी चरण सिंह का जन्म 1902 में नूरपुर, मेरठ, उत्तर प्रदेश में एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने 1923 में विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की, इसके बाद 1925 में आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। वह कानून के प्रैक्टिशनर भी थे और देश के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदार थे। एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे चौधरी चरण सिंह देश के किसानों से गहरे जुड़े हुए थे और ग्रामीण भारत के लिए काम करना चाहते थे।

    comedy show banner
    comedy show banner