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    Hindi Diwas 2022: हिंदी क्यों नहीं बन पाई हमारी राष्ट्रभाषा, इसको लेकर बीच-बीच में होते रहे हैं विवाद

    By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By:
    Updated: Wed, 14 Sep 2022 10:10 AM (IST)

    Hindi Diwas 2022 आज सारा देश हिंदी दिवस मना रहा है। हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है कि नहीं इसको लेकर बीच-बीच में चर्चा होती रहती है। यहां हम आपको बताएंगे कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है कि नहीं और इसको लेकर पूर्व में कई विवाद भी हुए हैं।

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    हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है हिंदी दिवस

    नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। Hindi Diwas 2022: बुधवार को सारा देश 'हिंदी दिवस' मना रहा है। यह हर साल 14 सितंबर की तारीख को मनाया जाता है। हिंदी दिवस को लेकर लोगों के बीच खासा उत्साह है। लोग एक दूसरे को इंटरनेट मीडिया में बधाई संदेश दे रहे हैं। हिंदी की अपनी एक अलग पहचान और अलग महत्व है। यह देश की अन्य भाषाओं से असली भारत की झलक को दिखाती है। हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है कि नहीं, इसको लेकर बीच-बीच में चर्चा होती रहती है। यहां हम आपको बताएंगे कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है कि नहीं और इसको लेकर बीच-बीच में विवाद क्यो होते रहे हैं।

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    जानिए पहली बार कब मनाया गया 'हिंदी दिवस' 

    14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा में देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया गया था। इसके बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। हालांकि, साल 1950, 1951 और 1952 में हिंदी दिवस नहीं मनाया गया था। आधिकारिक रूप से पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था।

    क्या हिंदी है हमारी राष्ट्रभाषा? 

    हम में से कई लोगों का मानना है कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, लेकिन यह सच नहीं है। हिंदी हमारी मातृभाषा है और यह राष्ट्रभाषा के रूप में कहीं भी पंजीकृत नहीं है। वास्तव में भारत की कोई आधिकारिक राष्ट्रीय भाषा नहीं है। संविधान के अनुच्छेद 343 के खंड (1) के अनुसार देवनागरी लिपि में लिखित हिंदी संघ की राजभाषा है। संघ के शासकीय कामों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतरराष्ट्रीय रूप होगा।

    इसलिए हिंदी नहीं बन पाई 'राष्ट्रभाषा'

    हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाए जाने को लेकर पूर्व के दिनों में काफी विवाद हुआ। 1946 से 1949 तक संविधान को बनाने की तैयारियां शुरू कर दी गईं थीं। संविधान में हर पहलू को लंबी बहस से होकर गुजरना पड़ा, ताकि समाज के किसी भी तबके को ये ना लगे कि संविधान में उसकी बात नहीं कही गई है। लेकिन सबसे ज्यादा विवादित मुद्दा रहा कि संविधान को किस भाषा में लिखा जाना है, किस भाषा को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा देना है। इसे लेकर सभा में एक मत पर आना थोड़ा मुश्किल लग रहा था। क्योंकि दक्षिण के प्रतिनिधि हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाए जाने को लेकर अपना विरोध प्रकट कर रहे थे।

    देश के अलावा विश्व के इन हिस्सों में बोली जाती है हिंदी

    हिंदी भाषा भारत के कई राज्यों में बोली जाती है। साहित्य और कला प्रेमियों के लिए यह भाषा कुछ ज्यादा ही लगाव रखती है। भारत के अलावा सूरीनाम, त्रिनिदाद और टोबैगो, नेपाल मॉरीशस, फिजी, गुयाना, अमेरिका जैसे देशों में भी हिंदी खासतौर पर बोली जाती है। हिंदी का इतिहास बहुत पुराना है। पांच हजार साल से भी कहीं अधिक पहले से बोली जाने वाली संस्कृत भाषा जिसे आर्य भाषा या देवों की भाषा कहते हैं, इससे हिंदी भाषा का जन्म हुआ है।