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    शादी के एक महीने बाद ही सैनिक पति की मौत, सेना में अधिकारी बन महिला ने पेश की मिसाल; गजब है सोनी बिष्ट की कहानी

    Updated: Sun, 09 Mar 2025 05:55 PM (IST)

    कुछ लोगों की कहानियां किसी प्रेरणा से कम नहीं होती हैं। ऐसी ही एक कहानी सोनी बिष्ट की है। सोनी बिष्ट के पति की मौत शादी के केवल 34 दिनों बाद ही हो गई थी। वे भारतीय सेना में सैनिक थे। इस बड़ी दुर्घटना ने सोनी के जीवन को बदल कर रख दिया। उन्होंने वह कर दिखाया जो कई अन्य महिलाओं के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं।

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    सैनिक पति की मौत के बाद पत्नी सोनी बिष्ट ने पेश की मिसाल। (फोटो- इंटरनेट मीडिया)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शादी के केवल कुछ दिनों बाद अगर किसी महिला के पति की मौत हो जाए, तो उस महिला के लिए ये दुर्घटना किसी सदमे से कम नहीं होती है। जिस साथी के साथ किसी युवती ने साथ रहने की कसमें खाई हों और उसके साथ कोई अनहोनी हो जाए तो उस युवती के लिए बहुत बड़ी आपदा होती है।

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    हालांकि, इस विकट परिस्थिति में काफी कम लोग ऐसे होते हैं, जो अपने जीवन को फिर से शुरू कर पाते हैं। ऐसी ही एक मिसाल सामने आई है। इस महिला का नाम सोनी बिष्ट है, जो उत्तराखंड की रहने वाली हैं। इनकी कहानी अपने आप में किसी मिसाल से कम नहीं है।

    शादी के एक महीने बाद पति की मौत

    दरअसल, करीब दो साल पहले तक सोनी बिष्ट की जिंदगी भी सामान्य लड़कियों जैसे थीं। उन्होंने सामान्य तरीके से पढ़ाई-लिखाई की। इसके बाद साल 2023 में उनकी शादी हुई। सोनी के पति नीरज भंडारी 18 कुमाऊं रेजीमेंट में सैनिक थे। हालांकि, होनी को कुछ और ही मंजूर था। शादी के महज 34 दिनों बाद ही नीरज की एक हादसे में जान चली गई। शादी के केवल 34 दिनों बाद ही सोनी बिष्ट विधवा हो गईं।

    पति के मौत के बाद सोनी का हौसला टूटने लगा। परिवार भी सदमे में था। हालांकि, विपरीत परिस्थितियों के बाद भी उन्होंने वह कर दिखाया, जो अब कई लोगों के लिए किसी मिसाल से कम नहीं है। पति की मौत के बाद सोनी बिष्ट ने अपने पति के सपने को पूरा किया। सोनी को कुमाऊं रेजिमेंट के ‘वीर नारी एंट्री' के बारे में जानकारी मिली।

    पिता से मिला हौसला

    इसके बाद सोनी का उनके पिता ब्रिगेड ऑफ गार्ड्स बटालियन के सेवानिवृत्त सूबेदार कुंदन सिंह ने हौसला बढ़ाया। सेना के सहयोग और पिता के हौसले के कारण सोनी आज सेना में अधिकारी बन गई है। गत शनिवार को वे चेन्नई के ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) में पासिंग आउट परेड में शामिल हुईं।

    सोनी बिष्ट ने क्या कहा?

    अपने बारे में बताते हुए सोनी बिष्ट ने कहा कि जब मुझे कुमाऊं रेजिमेंट के अधिकारियों से वीर नारी एंट्री के बारे में पता चला, उसके बाद मेरे पिता ने मुझे यह रास्ता चुनने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि यह एक कठिन यात्रा थी। उन्होंने बताया कि विभिन्न परिस्थितियों के बाद भी विजय प्राप्त की। सोनी अब आर्मी ऑर्डनेंस कॉर्प्स में शामिल हो गईं हैं।

    अब लेफ्टिनेंट बनीं सोनी

    महिला दिवस के खास मौके पर सोनी बिष्ट भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई हैं। उन्होंने ओटीए चेन्नई में पासिंग आउट परेड के बाद सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर अपना कार्यभार संभाला। सोनी को पहली तैनाती असम में मिली है। सोनी बिष्ट की ये कहानी कई लोगों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है।

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