Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नए CJI बने जस्टिस सूर्यकांत, वन रैंक-वन पेंशन जैसे 10 अहम मामलों में सुना चुके हैं फैसला

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 12:14 PM (IST)

    CJI Suryakant Biography: जस्टिस सूर्यकांत ने भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली है। हरियाणा के हिसार में जन्मे, वे इस पद पर पहुंचने वाले राज्य के पहले व्यक्ति हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई, और उनका कार्यकाल 9 फरवरी 2027 तक 15 महीने का होगा। उन्होंने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की और कई महत्वपूर्ण फैसलों से जुड़ी बेंच का हिस्सा रहे हैं।  

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के एक छोटे से शहर हिसार में जन्में जस्टिस सूर्यकांत (CJI Suryakant Profile) आज देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) बन चुके हैं। राष्ट्रपति भवन में उनका भव्य शपथ ग्रहण समारोह देखने को मिला। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस सूर्यकांत को शपथ दिलाई। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    15 महीने का कार्यकाल

    पूर्व CJI बी आर गवई की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 30 अक्टूबर 2025 को अगले CJI के लिए जस्टिस सूर्यकांत के नाम पर मुहर लगा दी थी। अब वो 9 फरवरी 2027 तक इस पद पर आसीन रहेंगे।

    Justice Suryakant CJI (1)

    हरियाणा के पहले CJI

    जस्टिस सूर्यकांत हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले देश के पहले CJI हैं। जस्टिस सूर्यकांत एक मध्यम वर्ग परिवार से हैं। 1984 में उन्होंने कानून की पढ़ाई पूरी की थी। रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से लॉ की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। 2011 में उन्होंने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की डिग्री ली थी।

    Justice Suryakant CJI (3)

    2019 में सुप्रीम कोर्ट में हुई नियुक्ति

    जुलाई 2000 में वो हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बन गए और 2001 में उन्हें सीनियर एडवोकेट के रूप में पहचान मिली। 9 जनवरी 2004 को उन्हें पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का स्थाई जज बना दिया गया। इसके बाद वो हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने और 24 मई 2019 को उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में हो गई।

    Justice Suryakant CJI (4)

    जस्टिस सूर्यकांत के अहम फैसले

    1. 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को खास राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को रद कर दिया था। सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई और जिस बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की, जस्टिस सूर्यकांत भी उसी बेंच का हिस्सा थे। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए राज्य में जल्द से जल्द चुनाव करवाने का आदेश दिया था।

    2. जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने गुलामी के काल में बने राजद्रोह कानून (Sedition Law) के तहत कोई भी नया मामला दर्ज न करने का आदेश दिया था।

    3. राज्य के विधेयकों के संबध में राज्यपाल और राष्ट्रपति की शक्तियों पर टिप्पणी करने वाली बेंच में भी जस्टिस सूर्यकांत शामिल थे।

    4. बिहार SIR पर सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि मतदाता सूची से निकाले गए 65 लाख मतदाताओं के नाम सार्वजनिक किए जाएं।

    5. जस्टिस सूर्यकांत ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन सहित सभी बार एसोसिएशन में एक-तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने के निर्देश दिए थे।

    6. 2022 में पंजाब दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक देखने को मिली थी। जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने मामले की जांच के लिए जस्टिस इंदु मल्होत्रा के नेतृत्व में कमेटी गठित की थी।

    7. जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने वन रैंक वन पेंशन (OROP) योजना को बरकरार रखने का फैसला सुनाया था।

    8. 1967 के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) मामले पर सुनवाई के लिए बनी 7 जजों की पीठ में भी जस्टिस सूर्यकांत शामिल थे। इस पीठ ने 1967 के फैसले को खारिज कर दिया था, जिससे AMU के अल्पसंख्यक दर्जे पर पुनर्विचार करने के रास्ते खुल गए थे।

    9. पेगासस स्पाइवेयर मामले पर करते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने इसे गैरकानूनी करार दिया था और मामले की जांच के लिए साइबर एक्सपर्ट्स का पैनल नियुक्त किया था।

    10. जस्टिस सूर्यकांत गैरकानूनी रूप से हटाई गई महिला सरपंच को पद पर बहाल करने वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच का भी हिस्सा रहे हैं।

    यह भी पढ़ें- जस्टिस सूर्यकांत बने 53वें CJI, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दिलाई शपथ; 15 महीने का होगा कार्यकाल