Pakistan: जस्टिस मोहम्मद बशीर की कहानी, जिन्हें जिस PM ने किया नियुक्त; वही उनके सामने कटघरे में हुए पेश
Imran Khan इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया था। उनके मामले की सुनवाई नैब की अदालत के जस्टिस मोहम्मद बशीर कर रहे थे। बशीर मुल्क के ऐसे जज हैं जिन्हें जिस पीएम ने नियुक्त किया है वही उनके आगे कठघरे में खड़े हुुए हैं। (जागरण ग्राफिक्स)

नई दिल्ली,प्रीति गुप्ता। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान को अल-कादिर यूनिवर्सिटी घोटाला केस में इस्लामाबाद हाईकोर्ट के परिसर से गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि, उनकी गिरफ्तारी के दो दिन बाद ही मुल्क की सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया है।
बता दें कि इमरान खान अपने खिलाफ दर्ज कई मामलों में जमानत लेने पहुंचे थे और नैब के जज मोहम्मद बशीरकेस की सुनवाई कर रहे थे लेकिन उसी दौरान 9 मई को नैब और पाक रेंजर्स ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। नैब के प्रोसेक्यूटर ने इमरान खान की 14 दिन की रिमांड मांगी थी लेकिन नैब के जस्टिस मोहम्मद बशीर ने केवल 8 दिन की ही रिमांड दी थी, लेकिन क्या आप जानते हैं जस्टिस मोहम्मद बशीर हैं कौन जिनकी सुनवाई के दौरान ही इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया गया।
जिस पीएम ने किया नियुक्त वहीं हुए बशीर के सामने पेश
जस्टिस मोहम्मद बशीर पाकिस्तान के ऐसे जज हैं, जिन्हें पाकिस्तान के जिस प्रधानमंत्री ने नियुक्त किया, वह ही उनके आगे दोषी बन पेश हुए। जस्टिस मोहम्मद बशीर ने अब तक के अपने कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान के चार प्रधानमंत्रियों को कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया। इनके जज रहते पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ, मुस्लिम लीग (नवाज) के शाहिद खाकान अब्बासी, नवाज शरीफ और अब पीटीआई के इमरान खान उनके आगे कटघरे में पेश हुए हैं।
कौन हैं जस्टिस मोमोहम्मद बशीर
पाकिस्तान में नैब (National Accountability Bureau) की तीन अदालत हैं, जो पाकिस्तान में भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की सुनवाई करती है। वहीं, जस्टिस मोहम्मद बशीर इस्लामाबाद में नैब की तीनों अदालतों में प्रशासनिक जस्टिस हैं, इसलिए उन्हें यह अधिकार है कि नैब की अदालत में जो भी भ्रष्टाचार का केस आएगा उसकी सुनवाई वो ही करेंगे। उनके पास यह भी अधिकार है कि वह नैब की अदालत में आए केस को सुन भी सकते हैं और नहीं भी सुन सकते हैं।
11 साल से हैं नैब के जस्टिस
बशीर चाहें तो इन तीनों अदालतों के किसी अन्य जज के पास केस को ट्रांसफर कर सकते हैं। मोहम्मद बशीर इस्लामाबाद में नैब के कोर्ट संख्या एक में पिछले 11 साल से बतौर जस्टिस के रूप में कार्यरत हैं। हालांकि, नैब के जजों को तीन साल के लिए नियुक्त किया जाता है। लेकिन बशीर को हर बार उनके कार्यकाल समाप्त होते ही दोबारा नियुक्त कर दिया जाता है और इस तरह से वह चार बार इस पद के लिए नियुक्त किए जा चुके हैं।
कैसे होती है नैब जजों की नियुक्ति
नैब जजों की नियुक्ति एक पूरी प्रक्रिया के तहत की जाती है। जज के नाम का सुझाव इस्लामाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस देते हैं। इसके बाद वह नाम कानून मंत्रालय के पास जाता है। कानून मंत्रालय इस प्रस्ताव को कैबिनेट के सामने रखती है।
विचार-विमर्श करने के बाद कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद देश के राष्ट्रपति नाम पर अंतिम मुहर लगाते हैं। इस्लामाबाद हाई कोर्ट के दो मुख्य न्यायाधीशों ने मोहम्मद बशीर का नाम कानून मंत्रालय को सुझाया था। वहीं, जस्टिस बशीर के कार्यकाल को पाकिस्तान की तीनों बड़ी पार्टियों के दौर में बढ़ाया गया है और जिस भी प्रधानमंत्री ने उन्हें एक्सटेंशन दिलाई, वही उनके सामने कठघरे में पेश हुआ है।
जिस पीएम ने बढ़ाया एक्सटेंशन वही कठघरे में हुए पेश
नैब अदालत के जस्टिस बशीर को साल 2012 में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रधानमंत्री युसुफ रजा गिलानी ने नियुक्त किया था। इसके बाद 2018 में नवाज शरीफ ने उन्हें एक बार फिर तीन साल के लिए नियुक्त कर दिया। 2021 में उनका दूसरा कार्यकाल खत्म हुआ पर उस वक्त के प्रधानमंत्री इमरान खान ने उन्हें तीन और वर्षों के लिए जज नियुक्त कर दिया। इस तरह से वह पहले ऐसे जस्टिसज हैं, जो तीन साल के कार्यकाल होने के बाद भी और लगातार एक्सटेंशन मिलने से इस पद पर 11 साल से काम कर रहें हैं। वहीं, जिस पीएम ने उन्हें नियुक्त किया वही उनके आगे पेश भी हुए।
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कौन हैं वो पीएम जो बशीर के आगे हुए पेश
मोहम्मद बशीर को सरकार समर्थक जज माना जाता है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे राजा परवेज अशरफ भी भ्रष्टाचार के मामल में नैब की अदालत में पेश हुए थे, इसके बाद साल 2019 में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी को भी नैब ने गिरफ्तार कर लिया था।
पाकिस्तान के पीएम रहे नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम शरीफ और उनके दामाद कैप्टन सफदर को मोहम्मद बशीर ने एवेनफील्ड अपार्टमेंट केस में भ्रष्टाचार का दोषी करार देते हुए, उन्हें जेल भेजा था। हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान भी अल-कादिर यूनिवर्सिटी घोटाला केस में मोहम्मद बशीर के आगे पेश हुए और उन्हें नैब के द्वारा गिरफ्तार भी कर लिया गया। हालांकि, इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है।
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