कौन है अमित जानी..कैसे हुआ नव निर्माण सेना का गठन
नई दिल्ली। लखनऊ में मायावती की मूर्ति तोड़कर रातों रात अखबारों की सुर्खियां बन गया अमित जानी उत्तर प्रदेश का एक कुख्यात माफिया है। खुद को सपा का करीबी बताने वाला अमित जानी इस बार लोकसभा चुनाव के लिए बागपत सीट से टिकट के लिए आवेदन भी कर चुका है। महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों पर हो रहे हमलों को देखते हुए अमित जा
नई दिल्ली। लखनऊ में मायावती की मूर्ति तोड़कर रातों रात अखबारों की सुर्खियां बन गया अमित जानी उत्तर प्रदेश का एक कुख्यात माफिया है। खुद को सपा का करीबी बताने वाला अमित जानी इस बार लोकसभा चुनाव के लिए बागपत सीट से टिकट के लिए आवेदन भी कर चुका है।
महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों पर हो रहे हमलों को देखते हुए अमित जानी ने उत्तर प्रदेश नव निर्माण सेना का गठन किया और शिवसैनिकों से है उसकी दुश्मनी। अमित कई संगीन आपराधिक मामलों में शामिल रहा है। मेरठ निवासी अमित के खिलाफ मेरठ, जेपी नगर और देहरादून जिलों के थानों में आधा दर्जन से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं। कई मामलों में इसके सिर पर इनाम भी घोषित है।
कई मामले दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने कभी अमित के शिवशक्ति नगर स्थित घर जाकर उसका पता करने की कोशिश नहीं की। माया की मूर्ति क्षतिग्रस्त करने की घटना के बाद पुलिस पर जब चारों ओर से दबाव पड़ा तो उसके शिवशक्ति नगर ब्रह्मपुरी स्थित घर पर दबिश देने पहुंची, लेकिन वहा ताला लटका मिला। आसपास के लोगों का कहना था कि अमित की पत्नी और भाई दोपहर दो बजे ताला लगाकर कहीं चले गए। पुलिस कंकरखेड़ा में उसके बहनोई के घर भी पूछताछ के लिए पहुंची।
-सुर्खियों में रहने का शौकीन
सुर्खियों में रहने के शौकीन अमित ने उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना का गठन भी सुर्खियों में रहने के लिए किया था। लंबी गाड़ियों के काफिले में हूटर बजाकर चलना मानो अमित का शगल था। तीन सफारी गाड़ियों का काफिला, वॉकी टॉकी और हथियारबंद साथी मेरठ में अमित की पहचान से बन गए थे। पुलिस रिकॉर्ड में उसके खिलाफ सात मामले दर्ज हैं।
-सपा का करीबी
यह भी पता चला है कि अमित पुत्र लखमीचंद निवासी कस्बा जानी के समाजवादी पार्टी के नेताओं से करीबी संबंध हैं और वह खुद भी समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता है। जानी का दावा है कि उसने सपा में 5 हजार कार्यकर्ताओं को जोड़ा है। इस साल हुए विधानसभा चुनाव के समय अमित ने सपा के समर्थन में कंकरखेड़ा में एक सभा भी आयोजित की थी। अमित चर्चा में तब आया था, जब 2009 में महाराष्ट्र में राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने हिंदी भाषियों का उत्पीड़न शुरू किया था। उसने उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना बनाई और उसका स्वयंभू अध्यक्ष बन गया। उसने 2010 में छीपीटैंक स्थित शिवसेना कार्यालय में आगजनी और तोड़फोड़ की।
-राहुल गांधी को काले झंडे दिखाने में भी शामिल
पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गाधी की रामलीला मैदान में हुई चुनावी रैली में काले झडे दिखाने के मामले में भी अमित पर सरकारी कार्य में बाधा डालने और सीएल एक्ट में केस दर्ज हुआ था। बाद में उसकी गिरफ्तारी हुई।
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