मध्य प्रदेश में सफेद कौवा बना कौतुहल का विषय, क्षेत्र में पहले कभी नहीं देखे गए ये पक्षी
बड़वानी में नर्मदा किनारे ग्राम दतवाड़ा के चंगा आश्रम में चार दिनों से एक पक्षी कौतुहल का विषष्य बना हुआ है। इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ दिनों दिन बढ़ रही है।
बड़वानी, नईदुनिया। मध्य प्रदेश के बड़वानी में नर्मदा किनारे ग्राम दतवाड़ा के चंगा आश्रम में चार दिनों से एक पक्षी कौतुहल का विषष्य बना हुआ है। इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ दिनों दिन बढ़ रही है। कौवे की तरह दिखने वाले इस पक्षी में असमानता सिर्फ रंग की है। ग्रामीण पक्षी को दुर्लभ सफेद कौवा बता रहे हैं।
दतवाड़ा के जितेंद्र राजपूत ने बताया कि चंगा आश्रम के आसपास पेड़ों और बिजली के तारों पर बैठे इस पक्षी को कई लोगों ने देखा है। बुजुर्गो का कहना है कि इस तरह का पक्षी क्षेत्र में पहले कभी दिखाई नहीं दिया है। सामान्य कौवे और इस पक्षी में फर्क सिर्फ इतना है कि कौवे जहां समूह में रहते हैं, यह अकेला ही दिखाई दे रहा है।
दुर्लभ व्हाइट क्रो
बड़वानी पीजी कॉलेज के प्राणी शास्त्र के प्रोफे सर डॉ. दिनेश वर्मा ने बताया कि व्हाइट क्रो ([सफे द कौवा)] हमारे देश में भी पाया जाता है, लेकि न यह दुर्लभ पक्षी है। इसका सफे द रंग एल्बीनिजम की वजह से होता है। यह प्रक्रिया सभी प्राणियों में पाई जाती है। इसे 'अमेरिकन क्रो' भी कहा जाता है।
आनुवांशिक बीमारी
डॉ.दिनेश वर्मा कहते हैं कि एल्बीनिजम एक तरह की आनुवांशिक बीमारी है। इसमें पूरा शरीर सफे द ही रहता है। यह प्रक्रिया इंसानों सहित सभी प्राणियों में होती है।
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