Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चंद्रयान 2 में कभी सहयोगी था रूस, जानें- आखिर क्‍यों इसरो ने लिया था अकेले चलने का फैसला

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Mon, 22 Jul 2019 05:05 PM (IST)

    चंद्रयान 2 की सफलता ने अंतरिक्ष में भारत का परचम फिर लहरा दिया है। लेकिन कभी इस मिशन में रूस सहयोगी देश की भूमिका निभा रहा था।

    Hero Image
    चंद्रयान 2 में कभी सहयोगी था रूस, जानें- आखिर क्‍यों इसरो ने लिया था अकेले चलने का फैसला

    नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। भारत ने अपने चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) का सफलतम प्रक्षेपण कर अंतरिक्ष में अपना परचम फिर फहरा दिया है। इस मिशन पर पूरी दुनिया की निगाह थी। भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ने इसरो (ISRO) ने फिर से खुद को स्‍थापित कर दिया है। आपको बता दें कि इसरो की सफलता दर विश्‍व की दूसरी स्‍पेस एजेंसियों की तुलना में कहीं बेहतर है। इतना ही नहीं इसरो के यान जीएसएलवी मार्क 3 (GSLV Mark 3) की सफलता दर तो 100 फीसद है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस मिशन पर आज भले ही भारत अकेला निकला हो लेकिन कुछ वर्ष पहले इस महत्‍वाकांक्षी मिशन के लिए भारत और रूस की स्‍पेस एजेंसी ROSCOSMOS के बीच समझौता हुआ था। यह समझौता 2007 में हुआ था जिसके मुताबिक 2013 में यह मिशन भेजना था। समझौते के तहत रूस को इस मिशन के अहम हिस्‍से पेलोड लैंडर (Payload Lander) को बनाना था, जबकि भारत को इस मिशन के लिए रोवर और ओर्बिटर तैयार करना था। लेकिन, रूस की तरफ से जो लैंडर भेजा गया वह इसरो की जरूरत के मुताबिक नहीं था।

    इतना ही नहीं इसके बाद भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने खुद अपने दम पर इस मिशन को पूरा करने का फैसला लिया था। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत के इस महत्‍वाकांक्षी मिशन में नासा और यूरोपीयन स्‍पेस एजेंसी (Nasa and European Space Agency) भी सहयोग करने के लिए इच्‍छुक थी, लेकिन इसरो ने एकला चलो की नीति अपनाते हुए इसको अकेले ही पूरा करने की ठानी और 22 जुलाई 2019 को पूरा कर भी दिखाया।

    इसरो और इस मिशन की बात करे तो आपको यहां पर ये भी बता दें कि चीन, अमेरिका और रूस ने जिस कीमत पर अपने मून मिशन को पूरा किया है उसकी तुलना में भारत ने यह बेहद कम में पूरा कर दिखाया है। इस सफलता के बाद भारत इन तीन प्रमुख देशों के उस ग्रुप से जुड़ गया है जिसने चांद (384,600 किमी या 239,000 मील) पर सफलतापूर्वक मिशन भेजा है।

    आपको जानकर हैरत होगी कि हॉलीवुड ब्‍लॉकबस्‍टर मूवी Avengers Endgame को बनाने में जितना खर्च हुआ है उससे कहीं आधा खर्च पर इसरो ने अपने चंद्रयान 2 की उपलब्धि हासिल की है। गौरतलब है कि चंद्रयान 2 पर करीब 124 मिलियन डॉलर का खर्च हुआ है। इसमें से करीब 31 मिलियन डॉलर का खर्च इस मिशन की लॉन्चिंग पर और 93 मिलियन डॉलर का खर्च इसकी सेटेलाइट पर आया है। वहीं यदि बात करें Avengers Endgame मूवी की लागत की तो इस पर 356 मिलियन डॉलर थी। आपको बता दें कि इससे पहले चंद्रयान 1 की सफलता ने भी चांद के रहस्‍यों से पर्दा उठाने में पूरी विश्‍व बिरादरी की मदद की थी।

    चीन के बढ़ते कदमों को रोकने के लिए फ्रांस की रणनीति का अहम हिस्‍सा हो सकता 'भारत'