फोन पर मांगी रिश्वत और पढ़कर सुनाई अधिकारियों की रेट लिस्ट... MP में जनता दर्शन के दौरान मेयर भी रह गए भौंचक्के
मध्य प्रदेश के मुरैना में जनता दर्शन के दौरान भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ। पंकज राठौर नामक एक व्यक्ति ने महापौर के सामने एक दलाल को फोन किया, जिसने भवन निर्माण की अनुमति के लिए अधिकारियों की रिश्वत की 'रेट लिस्ट' सुनाई। इस घटना के बाद, संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।

तस्वीर का इस्तेमाल प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के मुरैना नगर निगम में मंगलवार को एक नियमित जनता दर्शन के रूप में शुरू हुआ मामला भ्रष्टाचार के एक चौंकाने वाले खुलासे में बदल गया। एक युवक ने भवन निर्माण की अनुमति के लिए महापौर के सामने एक व्यक्ति को फोन किया तो उसने खुलेआम रिश्वत की मांग की और स्पीकरफोन पर अधिकारियों की पूरी "रेट लिस्ट" पढ़कर सुनाई।
यह घटना 11 नवंबर को हुई, जब पंकज राठौर नाम के व्यक्ति जनसुनवाई के दौरान महापौर शारदा सोलंकी के पास पहुंचा। पंकज कई दिनों से भवन निर्माण की अनुमति के लिए नगर निगम के चक्कर लगा रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि एक दलाल नगर निगम अधिकारियों के नाम पर बार-बार पैसे की मांग कर रहा था।
रिश्वतखोर ने बताई अधिकारियों की रेट लिस्ट
अपने दावे को साबित करने के लिए राठौर ने महापौर और अन्य अधिकारियों के सामने उस व्यक्ति को फोन किया। जैसे ही कॉल स्पीकर पर लगी उसने फाइल को मंजूरी देने के लिए कथित तौर पर आवश्यक रिश्वत की रकम का ब्यौरा देना शुरू कर दिया। उसने बताया कि ईई शर्मा के लिए 10,000 रुपये, फोटो वाले किसी व्यक्ति के लिए 4,000 रुपये, अजय परिहार के लिए 1,000 रुपये और खुद के लिए 3,000 रुपये। कुल मांग 15,000 रुपये से 18,000 रुपये तक थी।
अब फोन पर हुई बातचीत का एक वीडियो सामने आया है, जिससे हंगामा और बढ़ गया है। कॉल के दौरान राठौर को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "मेरी पर्ची जारी हो गई है, अब मुझे क्या करना चाहिए?" उस व्यक्ति ने जवाब दिया, "फाइल पीडीएफ में भेजो और फोन पर पैसे दे दो।" फिर वह लापरवाही से कथित रिश्वत-बंटवारे की प्रक्रिया का विश्लेषण करता है।
मेयर ने दिया कार्रवाई का आदेश
इस बातचीत से हॉल में मौजूद सभी लोग आश्चर्यचकित हो गए, यहां तक कि मेयर ने भी तुरंत कार्रवाई का आदेश दिया। नगर आयुक्त सतेंद्र सिंह धाकरे ने रिकॉर्डिंग सुनने की पुष्टि करते हुए कहा, "जिन कर्मचारियों और अधिकारियों के नाम सामने आए हैं, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए गए हैं। उनके जवाब आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।"

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