'बॉस' बनकर अकाउंटेंट को स्कैमर्स ने भेजा मैसेज, 2 करोड़ रुपये करवा लिए ट्रांसफर; कंपनी मालिक ने इस तरकीब से वापस लिए पैसे
हैदराबाद की एक कंपनी के अकाउंट ऑफिसर को व्हाट्सएप पर फर्जी मैसेज मिला जिसमें खुद को कंपनी का एमडी बताकर ₹1.95 करोड़ ट्रांसफर करने को कहा गया। बिना शक किए ऑफिसर ने रकम भेज दी। असली एमडी को बैंक से जानकारी मिलने पर ठगी का खुलासा हुआ। कंपनी ने तुरंत साइबर क्राइम सेल में शिकायत की जिसके बाद पुलिस ने फौरन कार्रवाई कर पूरे पैसे रिकवर कर लिए।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हैदराबाद में एक कंपनी के अकाउंट ऑफिसर को व्हाट्सएप पर एक मैसेज मिला। भेजने वाला उनकी कंपनी का चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) बनकर मैसेज लिख रहा था। मैसेज में लिखा था, "इस अकाउंट में 1.95 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दो, यह एक नए प्रोजेक्ट के एडवांस पेमेंट के लिए है।"
ऑफिसर को शक नहीं हुआ, क्योंकि भेजने वाले की प्रोफाइल पिक्चर, नाम और भाषा सबकुछ असली लग रहा था। उन्होंने बिना देर किए 1.95 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए। लेकिन कुछ ही समय बाद जब असली एमडी को बैंक से इस बड़े ट्रांजेक्शन की सूचना मिली, तो पूरा मामला खुल गया।
फर्जी निकला मैसेज, तुरंत की गई साइबर क्राइम सेल में शिकायत
जब एमडी को पैसे के ट्रांसफर की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत अकाउंट ऑफिसर से संपर्क किया। जब ऑफिसर ने बताया कि यह व्हाट्सएप मैसेज के जरिए हुआ था, तो एमडी ने साफ कर दिया कि उन्होंने ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया था। सारी बात समझते ही कंपनी ने तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद साइबर क्राइम सेल ने तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी।
तेलंगाना साइबर क्राइम सेल ने 1.95 करोड़ रुपये बचाए
शुरुआत में पैसे का पता लगाना मुश्किल था, क्योंकि ट्रांजेक्शन के कुछ डिटेल्स अधूरे थे। लेकिन तेलंगाना साइबर सिक्योरिटी ब्यूरो, बैंक और कंपनी के अधिकारियों ने मिलकर तेजी से काम किया। सबसे बड़ी राहत की बात यह रही कि ठगों ने अब तक पैसे निकाले नहीं थे। साइबर क्राइम सेल ने तुरंत एक्शन लेते हुए ट्रांजेक्शन को ट्रैक किया और पूरे 1.95 करोड़ रुपये रिकवर कर लिए।
कैसे बचें ऐसे साइबर फ्रॉड से?
तेलंगाना पुलिस और साइबर क्राइम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने के लिए कुछ जरूरी सुझाव दिए हैं:
- व्हाट्सएप, ईमेल या फोन कॉल पर आने वाले पेमेंट अनुरोधों को बिना पुष्टि किए पूरा न करें।
- बड़े ट्रांजेक्शन करने से पहले कंपनी के आधिकारिक चैनल से वेरीफाई करें।
- अगर आपको शक हो, तो तुरंत 1930 हेल्पलाइन पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
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