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क्या इस बजट में वित्त मंत्री लेंगे बड़े और कड़े फैसले?

वित्त मंत्री अरुण जेटली आज सुबह 11 बजे लोकसभा में वित्त वर्ष 2015-16 के लिए आम बजट पेश करेंगे। एनडीए सरकार का यह पहला पूरा आम बजट होगा। माना यह जा रहा है कि यह बजट कई मायनों में खास होगा। जिससे आम आदमी को एनडीए सरकार के इस बजट

By manoj yadavEdited By: Published: Sat, 28 Feb 2015 08:25 AM (IST)Updated: Sat, 28 Feb 2015 10:31 AM (IST)
क्या इस बजट में वित्त मंत्री लेंगे बड़े और कड़े फैसले?

नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली आज सुबह 11 बजे लोकसभा में वित्त वर्ष 2015-16 के लिए आम बजट पेश करेंगे। एनडीए सरकार का यह पहला पूरा आम बजट होगा। माना यह जा रहा है कि यह बजट कई मायनों में खास होगा। जिससे आम आदमी को एनडीए सरकार के इस बजट से बहुत उम्मीदें हैं। ऐसे में माना यह जा रहा है कि बजट में टैक्स छूट की सीमा 2.5-3.0 लाख रुपये होने के आसार हैं। साथ ही बजट में मेक इन इंडिया पर खास फोकस रह सकता है।

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बजट में इलेक्ट्रॉनिक, आईटी हार्डवेयर को राहत पैकेज के एलान होने की उम्मीद की जा रही है। वहीं, इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि बजट से सुस्त पड़े रियल्टी सेक्टर में जान आ सकती है। छोटे मकानों के होम लोन पर ब्याज दरें कम होने के संकेत हैं। साथ ही मन की बात करने वाले प्रधानमंत्री के लिए आज है धन की बात करने का बड़ा मौका है। ऐसे में आज के बजट में सरकार का क्या होना चाहिए एक्शन प्लान, आइए जानते हैं।

बजट में टैक्स हॉलिडे का एलान हो सकता है और मेडिकल डिवाइसेज समेत कई इंडस्ट्री को राहत मिल सकती है। कच्चे माल का इंपोर्ट सस्ता बनाया जा सकता है, तो निवेश के लिए ठोस एलान संभव है। बजट में जीएएआर टालने का फैसला हो सकता है और ट्रांसफर प्राइसिंग के नियम आसान हो सकते हैं। रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स लॉ में और सफाई मुमकिन है, तो एसईजेड पर मैट और डीडीटी की दरें घटने के आसार हैं।

बाजार में कैपिटल गेन में बदलाव को लेकर काफी खबरें चल रही हैं। माना जा रहा है कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स की परिभाषा बदल सकती है और लॉन्ग टर्म गेन्स की अवधि 3 साल हो सकती है। साथ ही डेट इन्वेस्टमेंट के लिए लॉन्ग टर्म गेन्स की अवधि में बदलाव मुमकिन है।

बजट में रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआइटीएस) पर टैक्स को लेकर सफाई की उम्मीद है। आरईआइटीएस के लिए फुल टैक्स पास थ्रू स्टेटस मिल सकता है, पास थ्रू स्टेटस का मतलब आरईआईटीएस पर कोई टैक्स देनदारी नहीं होगी। फिलहाल सिर्फ इंटरेस्ट इनकम पर ही पास थ्रू लगता है। वहीं अभी डिविडेंड देने पर आरईआईटीएस बनाने वाली एसपीवी पर डीडीटी लगेगा।

टैक्सपेयर के लिए टैक्स छूट की सीमा में बदलाव की संभावना कम है। टैक्स दायरे में ज्यादा लोगों को शामिल करने की कोशिश हो सकती है। बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव लाने की तैयारी है और 80सी में निवेश की सीमा को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही 80सी के अलावा निवेश का नया विंडो बनाया जा सकता है। होमलोन के ब्याज पर मिलने वाली छूट को 3 लाख रुपये किया जा सकता है।

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वहीं बजट से एसएमई सेक्टर की उम्मीद है कि कारोबार शुरू करने में आसानी हो और तरह-तरह के लाइसेंस से छुटकारा मिले। स्टार्ट-अप फंड के बंटवारे पर सफाई आए और स्टार्ट अप फंड निवेश पर टैक्स छूट मिले। नई नीतियों से ज्यादा मौजूदा पॉलिसी पर काम तेज हो और मेक इन इंडिया में एसएमई सेक्टर की भूमिका बड़ी हो।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते हैं मन की बात और मौका है बजट का तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव में जो बड़े बड़े वादे किए हैं उन्हें पूरा करने के लिए उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली को इतना तो साफ कहा होगा कि वो बजट में बड़े और कड़े फैसले करें।

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