Monkeypox Global Emergency: विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से मंकीपाक्स को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित करने के क्या हैं मायने
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation WHO) ने मंकीपाक्स के प्रकोप को अब वैश्विक आपातकाल घोषित कर दिया है। समाचार एजेंसी एपी ने यह जानकारी दी है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक यह वायरस दुनिया के 70 से अधिक देशों में फैल चुका है।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शनिवार को मंकीपाक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित कर दिया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने कहा कि 70 से अधिक देशों में फैल चुका मंकीपाक्स का प्रकोप एक असाधारण स्थिति है। यह ऐसा प्रकोप है जो दुनियाभर में, नए तरीकों से, तेजी से फैल गया है। हम इसके बारे में बहुत कम जानते हैं। यही कारण हैं कि मंकीपाक्स का प्रकोप एक हेल्थ इमरजेंसी है। जानें ग्लोबल इमरजेंसी घोषित करने के क्या हैं मायने...
क्या है मंकीपाक्स
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक मंकीपाक्स जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला वायरस है, इससे संक्रमित होने पर चेचक के रोगियों के लक्षण पाए जाते हैं। हालांकि यह चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर है। फिर भी अभी तक की प्राप्त जानकारी के मुताबिक अफ्रीका में पांच लोगों की मौत मंकीपाक्स से हो चुकी है।
यह उच्चतम स्तर का अलर्ट
वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी का मतलब विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी उच्चतम स्तर का अलर्ट है। डब्ल्यूएचओ की ओर से घोषित वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी अंतर्राष्ट्रीय चिंता की ओर भी इशारा करती है। किसी भी वायरस जनित बीमारी के मामले में इस कदम को एक अलार्म के तौर लिया जाता है।
टीके और इलाज के लिए सहयोग के रास्ते खुलेंगे
मंकीपाक्स को लेकर वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किए जाने का मतलब है कि इस वायरस के संक्रमण से निपटने को लेकर समन्वित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की जरूरत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के इस कदम से वायरस के संक्रमण पर काबू पाने के लिए टीके और इलाज के लिए साझा सहयोग के रास्ते खुलेंगे।
उन्मूलन को लेकर बढ़ेगा निवेश
WHO की ओर से मंकीपाक्स को Global Health Emergency घोषित किए जाने से इसके उपचार के लिए निवेश में तेजी लाई जा सकती है। World Health Organization ने इससे पहले कोविड-19, इबोला, जीका वायरस को लेकर आपात स्थिति घोषित की थी।
प्रकोप को खत्म करने में कारगर साबित होगा यह कदम
WHO की ओर से मंकीपाक्स को Global Health Emergency घोषित किए जाने का मतलब है कि संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी इस प्रकोप को एक 'असाधारण घटना' मानती है। इस अलर्ट का मतलब है कि इस प्रकोप के अन्य देशों में भी फैलने का खतरा बना हुआ है। विशेषज्ञों की मानें तो World Health Organization का यह एलान दुनिया को मंकीपाक्स के खिलाफ कोरोना महामारी और पोलियो के खिलाफ जारी अभियान के जैसा ही कदम उठाने को प्रेरित करेगा।