NEET UG 2024: क्या है नीट-यूजी का पूरा विवाद, जिसने हिला डाला एनटीए का पूरा सिस्टम; अब हो रही जांच की मांग
नीट-यूजी में अंकों को बढ़ा-चढ़ाकर दिए जाने के आरोप लगे हैं जिसके कारण रिकार्ड 67 अभ्यर्थियों ने पूर्णांक (परफेक्ट स्कोर) हासिल कर शीर्ष रैंक साझा की। पिछले वर्ष सिर्फ दो छात्रों ने शीर्ष रैंक साझा की थी। छात्रों ने आरोप लगाया कि कई अभ्यर्थियों के अंकों में बेतरतीब ढंग से कमी या वृद्धि कर दी गई जिससे उनकी रैंक प्रभावित हुई।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। मेडिकल में दाखिले से जुड़ी परीक्षा नीट-यूजी (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक) में ग्रेस मार्क्स देने के विवाद का पटाक्षेप हो गया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई शुरू होने से पहले ही बताया कि जिन 1,563 छात्रों को समय खराब होने के कारण ग्रेस मार्क्स दिए गए थे, उसे रद कर दिया गया है। इन सभी छात्रों के नार्मल अंक (बगैर ग्रेस मार्क्स के) जल्द जारी किए जाएंगे। इन सभी को दोबारा परीक्षा देने का मौका भी दिया जाएगा।
अनियमितताओं के आरोप
नीट-यूजी में अंकों को बढ़ा-चढ़ाकर दिए जाने के आरोप लगे हैं, जिसके कारण रिकार्ड 67 अभ्यर्थियों ने पूर्णांक (परफेक्ट स्कोर) हासिल कर शीर्ष रैंक साझा की। पिछले वर्ष सिर्फ दो छात्रों ने शीर्ष रैंक साझा की थी। छात्रों ने आरोप लगाया कि कई अभ्यर्थियों के अंकों में बेतरतीब ढंग से कमी या वृद्धि कर दी गई, जिससे उनकी रैंक प्रभावित हुई।
छह केंद्रों पर परीक्षा में देरी के कारण समय के नुकसान की भरपाई के लिए 1,500 से अधिक छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स जांच के दायरे में हैं। पेपर लीक के भी आरोप लगे हैं। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पिछले महीने अपनी जांच के हवाले से कहा था कि नीट-यूजी के प्रश्नपत्र और उत्तर पांच मई की परीक्षा से पहले लगभग 35 अभ्यर्थियों को उपलब्ध कराए गए थे। इस मामले में अब तक 13 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।
दिए गए ग्रेस मार्क्स
मेघालय, हरियाणा, छत्तीसगढ़, सूरत और चंडीगढ़ के कम से कम छह केंद्रों के छात्रों ने परीक्षा के दौरान समय बर्बाद होने की शिकायत की थी। इन स्थानों पर छात्रों को प्रशासनिक कारणों से परीक्षा में लिखने के लिए पूरे तीन घंटे और 20 मिनट नहीं मिले थे।
इन प्रशासनिक कारणों में गलत प्रश्न-पत्र का वितरण, फटी हुई ओएमआर शीट या ओएमआर शीट के वितरण में देरी शामिल हैं। एनटीए द्वारा गठित एक समिति ने मामले की जांच की और अभ्यर्थियों के खराब हुए समय की क्षतिपूर्ति के लिए कोर्ट द्वारा तैयार फार्मूले को अपनाया। उनके बर्बाद हुए समय का पता लगाया और ग्रेस मार्क्स दिए।
एनटीए का रुख
एनटीए का कहना है कि परीक्षा की शुचिता से समझौता नहीं किया गया है। उसने टॉप स्कोरर्स की संख्या में वृद्धि का कारण परीक्षा की प्रतिस्पर्धात्मकता और प्रदर्शन मानकों में वृद्धि को दिया। अधिकारियों के अनुसार, समय हानि की भरपाई के लिए 1,563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं। 720 में से 720 अंक पाने वाले 67 उम्मीदवारों में से 44 को भौतिकी की उत्तर कुंजी में संशोधन के कारण और छह को समय की हानि के लिए ग्रेस मार्क्स दिए गए।
राजनीतिक विवाद
कांग्रेस ने परीक्षा की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है और कहा कि इस मामले को लेकर देश में जो गुस्सा है, उसकी गूंज संसद में भी सुनाई देगी। शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने शिक्षा मंत्री पर एनटीए का बचाव करने का आरोप लगाया और दावा किया कि बिहार पुलिस की जांच में पेपर लीक पाया गया है।
महाराष्ट्र सरकार ने परीक्षा रद करने की मांग की है और आरोप लगाया कि इसके नतीजों से राज्य के छात्रों के साथ अन्याय हुआ है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने दोहराया कि नीट सामाजिक न्याय और संघवाद के विरुद्ध है। आम आदमी पार्टी ने भी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की है।
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