Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में सभी मुकदमों की एक साथ सुनवाई में हर्ज क्या है, मस्जिद कमेटी को सुप्रीम कोर्ट का जवाब

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Sat, 11 Jan 2025 02:54 AM (IST)

    मस्जिद कमेटी ने मथुरा कृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह मामले में लंबित सभी मुकदमों को साथ संलग्न कर सुनवाई करने के हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सीजेआइ संजीव खन्ना ने प्रथम दृष्टया हाई कोर्ट के आदेश के पक्ष में नजरिया प्रकट करते हुए कहा कि मुकदमों को साथ संलग्न करने के आदेश में अभी कोर्ट को क्यों हस्तक्षेप करना चाहिए।

    Hero Image
    श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में सभी मुकदमों की एक साथ सुनवाई में हर्ज क्या है- सुप्रीम कोर्ट

     जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा कृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह विवाद मामले में लंबित सभी मुकदमों को सुनवाई के लिए एक साथ संलग्न करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को मस्जिद कमेटी द्वारा चुनौती देने पर सवाल उठाते हुए शुक्रवार को कहा कि मुकदमों को संलग्न कर साथ सुनवाई करने में हर्ज क्या है। यह तो न्यायहित में है और दोनों पक्षों के लिए अच्छा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शीर्ष अदालत ने कही ये बात

    शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली मस्जिद कमेटी की याचिका पर विचार की अनिच्छा जताते हुए कहा कि सभी मुकदमे साथ संलग्न करने के आदेश में क्यों दखल दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि हर आदेश का विरोध करना जरूरी नहीं है। हालांकि अंत में प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने मस्जिद कमेटी को इस मुद्दे पर बाद में तर्क रखने की छूट देते हुए मामले की सुनवाई अप्रैल के पहले सप्ताह तक के लिए टाल दी। यानी यह मुद्दा अब लंबित है।

    इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिछले वर्ष 11 जनवरी को मथुरा कृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित मंदिर पक्ष की ओर से दाखिल किये गए 15 मुकदमों (वादों) को जिला अदालत से हाई कोर्ट स्थानांतरित करते हुए एक साथ सुनवाई के लिए संलग्न करने का आदेश दिया था। मस्जिद कमेटी ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

    याचिकाएं मस्जिद कमेटी ने दाखिल कर रखी हैं

    शुक्रवार को जब मामला सुनवाई पर आया तो सीजेआइ संजीव खन्ना ने प्रथम दृष्टया हाई कोर्ट के आदेश के पक्ष में नजरिया प्रकट करते हुए कहा कि मुकदमों को साथ संलग्न करने के आदेश में अभी कोर्ट को क्यों हस्तक्षेप करना चाहिए। बाकी और मुद्दों पर जो याचिकाएं मस्जिद कमेटी ने दाखिल कर रखी हैं उन पर सुनवाई की जाएगी लेकिन सभी मुकदमे साथ संलग्न करने में क्या हर्ज है। यह तो दोनों पक्षों के हित में ही है।

    पीठ की टिप्पणियों पर मस्जिद कमेटी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील तसनीम अहमदी ने कहा कि सभी मुकदमे एक समान नहीं है। उनमें अलग अलग मांगे और दलीलें हैं ऐसे में साथ सुनवाई से जटिलताएं बढ़ेंगी। लेकिन सीजेआइ ने कहा कि इससे जटिलता नहीं बढ़ेगी बल्कि सरलता आएगी। अगर अलग अलग सुनवाई हुई तो ज्यादा समस्या होगी एक साथ सुनवाई होना दोनों पक्षों के हित में है।

    हालांकि अंत में पीठ ने मस्जिद कमेटी को इस मुद्दे पर बाद में दलीलें रखने की छूट देते हुए सुनवाई टाल दी। मथुरा कृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में मस्जिद कमेटी की कुल तीन याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं जिनमें से एक में सभी मुकदमे जिला अदालत से हाई कोर्ट स्थानांतरित करने और एक साथ संलग्न करनेको चुनौती देने का मामला भी है।